आज है यूपी दिवस, सीएम योगी देंगे लक्ष्मण और रानी लक्ष्मी बाई खेल पुरस्कार
24 जनवरी 1950 को संयुक्त प्रांत का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश किया गया. वहीं, महाराष्ट्र में तो अनौपचारिक तौर पर यूपी के नेताओं ने साल 1989 में ही यूपी दिवस मनाना शुरू कर दिया था. यूपी दिवस पर सीएम योगी लक्ष्मण और रानी लक्ष्मी बाई खेल पुरस्कार देंगे. खेल विभाग ने पुरस्कार पाने वाले 13 खिलाड़ियों की लिस्ट जारी की है. बता दें कि इन खिलाड़ियों को 3 लाख 11 हज़ार रुपये की धनराशि और रानी लक्ष्मी बाई लक्ष्मण की कांस्य प्रतिमा दी जाएगी.
आज 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस हैं. राजधानी लखनऊ में यूपी दिवस पर सीएम योगी लक्ष्मण और रानी लक्ष्मी बाई खेल पुरस्कार देंगे. खेल विभाग ने पुरस्कार पाने वाले 13 खिलाड़ियों की लिस्ट जारी की है. बता दें कि इन खिलाड़ियों को 3 लाख 11 हज़ार रुपये की धनराशि और रानी लक्ष्मी बाई लक्ष्मण की कांस्य प्रतिमा दी जाएगी. जानकारी के मुताबिक कोरोना काल से पहले, साल 2019 में ये पुरस्कार दिए गए थे.
सम्मानित होने वालों में लखनऊ के हैण्डबाल खिलाड़ी मोहित यादव और हैमर थ्रोअर राधेश्याम सिंह समेत दर्जन भर महिला और पुरुष खिलाड़ी हैं. इसके अलावा पैराबैडमिंटन में तमाम पदक, उपलब्धियां बटोरने वाले आईएएस अधिकारी सुहास एलवाई को वर्ष 2021-22 में दिव्यांगजन वर्ग में लक्ष्मण पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
सुहास एलवाई पिछले 3 वर्षों से गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी हैं. इसी दौरान उन्होंने पैरा ओलंपिक में भी सफलता हासिल की है. वर्ष 2020-21 में यह पुरस्कार नहीं दिए गए. इस बार पिछले वर्ष और मौजूदा 2021-22 वर्ष के लिए खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाएगा. इन पुरस्कार के लिए 26 दिसम्बर तक खिलाड़ियों के नाम मांगे गए थे.
लक्ष्मण और रानी लक्ष्मीबाई पुरूस्कार की स्थापना 1972 में हुई. हालांकि 2011 से 2014 तक यह पुरस्कार कुछ कारणों से वितरित नहीं किए गए. इ2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुरस्कार राशि बढ़ाने का फैसला किया और 3 लाख 11 हजार रुपए हो गई. इसके बाद फिर से पुरस्कार बंटने शुरु हो गए. पुरस्कार की पात्रता के लिए खिलाड़ी को उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य है. खिलाड़ी को कम से कम 3 वर्ष तक प्रदेश टीम का सदस्य होना चाहिए. इसके साथ उसने राष्ट्रीय स्तर पर किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया हो. इसके अतिरिक्त जिस खिलाड़ी का नामित किया जा रहा है, उस वर्ष उसका प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए.
आपको बता दें कि देश 15 अगस्त 1947 को आजादी हुआ. इसके कुछ साल गुजरने के बाद 24 जनवरी 1950 को संयुक्त प्रांत ( United Provincie) का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश किया गया. वहीं, महाराष्ट्र में तो अनौपचारिक तौर पर यूपी के नेताओं ने साल 1989 में ही यूपी दिवस मनाना शुरू कर दिया था. जानकारी के मुताबिक भाजपा नेता अमरजीत मिश्र ने इसका आयोजन किया था. इसके बाद राम नाईक के उत्तर प्रदेश का गवर्नर बनते ही यूपी दिवस का सुझाव दिया, लेकिन सपा सरकार ने इसे मंजूर नहीं किया. इसके बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मई 2017 में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी. इसके बाद 2018 से हर साल 24 जनवरी को यूपी दिवस मनाया जाने लगा. आज वही दिन है, जो यूपी के बहुत खास है.