Turkiye Earthquake- तुर्की में 7.8 तीव्रता का भूकंप, 2300 लोगों की मौत, भारत ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ
तुर्की और पड़ोसी देशों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। नूर्दगी से 23 किलोमीटर पूर्व की ओर यह झटके महसूस किए गए। इसका असर सीरिया तक देखने को मिला। जानकारी के मुताबिक, भूकंप की वजह से कई इमारतें धराशायी हो गई हैं। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई। सोमवार को एक के बाद एक भूकंप के तीन झटकों से देश दहल गया. तुर्की और सीरिया में भूकंप से अब तक 2310 लोगों की मौत हो गई है जबकि 10,000 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं.
तुर्की में सोमवार को एक के बाद एक भूकंप के तीन झटकों से देश दहल गया. तुर्की और सीरिया में भूकंप से अब तक 2310 लोगों की मौत हो गई है जबकि 10,000 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं.
तुर्की में सोमवार 6 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप (Earthquake) ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली है. हजारों लोग घायल हो गए और सैकड़ों इमारतें जमींदोज हो गईं. पीएम मोदी ने तुर्किए और सीरिया में आए भूकंप में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया. साथ ही भारत ने इस त्रासदी से निपटने में मदद के लिए हाथ भी बढ़ाया है.
तुर्की और पड़ोसी देशों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। नूर्दगी से 23 किलोमीटर पूर्व की ओर यह झटके महसूस किए गए। इसका असर सीरिया तक देखने को मिला। जानकारी के मुताबिक, भूकंप की वजह से कई इमारतें धराशायी हो गई हैं। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई।
भूकंप के बाद तुर्किए में 50 से अधिक आफ्टरशॉक्स आए. प्रत्यक्षदर्शियों ने दूसरा झटका तुर्किए की राजधानी अंकारा और इराकी कुर्दिस्तान शहर इरबिल तक महसूस किया. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने कहा कि पहला 7.8 तीव्रता का भूकंप तुर्किए के शहर गजियांटेप के पास लगभग 17.9 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर सुबह 4:17 बजे आया.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने भी तुर्की और सीरिया में आए भूकंप से हुई जनहानि पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने अपनी टीम को सभी जरूरी सहायता देने के निर्देश दिए हैं.
वहीं भूकंप की भारी तबाही झेल रहे तुर्की सीरिया की मदद के लिए भारत आगे आया है. राहत बचाव मिशन में मदद के लिए भारत से टीमें जाएंगी. बता दें कि NDRF की दो टीमें रेस्क्यू मिशन में शामिल होंगे. टीम में 100 से ज्यादा जवान शामिल होंगे. प्रधानमंत्री कार्यलय की अगुवाई में सोमवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में तुर्की को मदद पहुंचाने का फैसला लिया गया है.
तुर्किए (तुर्की) के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने 7.8 तीव्रता के भूकंप को 1939 के बाद से देश की "सबसे बड़ी आपदा" बताया. उन्होंने कहा कि 1000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं जबकि 3000 से अधिक घायल हुए हैं. भूकंप से गाजियांटेप, सान्लिउर्फा, दियारबाकिर, अदाना, अदियामन, मालट्या, उस्मानिया, हटे और किलिस प्रांत बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. एर्दोगन ने कहा, "मलबे से निकाले गए लोगों की संख्या 2,470 तक पहुंच गई है. गिरी इमारतों की संख्या 2,818 है." उपराष्ट्रपति फुअत ओकटे ने कहा कि एर्दोगन भूकंप के क्षण से ही अपडेट ले रहे हैं और राहत प्रयासों की समीक्षा कर रहे हैं.
राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने ट्विटर पर कहा कि भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव दलों को तुरंत भेजा गया। हमें उम्मीद है कि हम इस आपदा को एक साथ जल्द से जल्द और कम से कम नुकसान के साथ पार कर लेंगे।
बता दे तुर्की में भूकंप की भविष्यवाणी की गई थी. नीदरलैंड के वैज्ञानिक ने दी थी चेतावनी. अब इसी वैज्ञानिक का फेक अकाउंट ट्विटर पर बनाकर उससे फर्जी चेतावनी पोस्ट की जा रही है. वैज्ञानिक फ्रैंक ने खुद ट्वीट कर इस स्कैम का खुलासा किया है.