यूपी: आठ सालों के बाद सड़कों पर आक्रामक दिखने जा रही है बसपा, आकाश आनंद ने कहा- करारा जवाब देना है
बहुजन समाज पार्टी करीब आठ साल बाद सड़कों पर अपनी ताकत दिखाने जा रही है।
बहुजन समाज पार्टी करीब आठ साल बाद सड़कों पर अपनी ताकत दिखाने जा रही है। पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी आरक्षण में उप-वर्गीकरण के फैसले के खिलाफ बुधवार को होने वाले भारत बंद में पार्टी कार्यकर्ताओं से शामिल होने की अपील की है। इसके जरिये पार्टी को आरक्षण के मुद्दे पर राजनीतिक बढ़त मिलने की उम्मीद है
बता दें कि आरक्षण के उप-वर्गीकरण के मुद्दे पर तमाम दलों द्वारा चुप्पी साधने को लेकर मायावती पहले से हमलावर हैं। जिस तरह उन्होंने इस मुद्दे को उठाते हुए सबका ध्यान बसपा की ओर खींचा है, उससे पार्टी को नई संजीवनी मिलने की उम्मीद जगी है। इसी वजह से धरना-प्रदर्शन और आंदोलन से दूर रहने वाली बसपा ने इस बार भारत बंद का समर्थन करने और उसमें शामिल होने का फैसला लिया है। इसके जरिये बसपा के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को एकजुट करने के साथ विपक्षी दलों में छिटक रहे कैडर वोट बैंक को भी बचाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। बता दें कि बसपा ने इससे पहले वर्ष 2016 में भाजपा के वरिष्ठ नेता दयाशंकर सिंह द्वारा मायावती पर की गई अभद्र टिप्पणी के विरोध में राजधानी में जोरदार प्रदर्शन किया था। इसके बाद किसी भी मुद्दे पर पार्टी सड़क पर नहीं उतरी, जो उसके लिए नुकसान का सबब बन गया
करारा जवाब देना है
बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने सोमवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि पार्टी अध्यक्ष के दिशा-निर्देश के अनुसार बसपा के सभी छोटे-बड़े कार्यकर्ता पार्टी के नीला झंडा और हाथी निशान के तहत 21 अगस्त को होने वाले भारत बंद में शामिल हों और जनता को खासकर दलित, शोषित, वंचित, अल्पसंख्यक लोगों को उप-वर्गीकरण के बारे में जागरूक करें। आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एससी-एसटी समाज में काफी गुस्सा है। इस फैसले के विरोध में हमारे समाज ने 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है। हमारा समाज शांति प्रिय है। हम सबका सहयोग करते हैं। सबके सुख-दुख में हमारा समाज शामिल होता है। लेकिन आज हमारी आजादी पर हमला किया जा रहा है। जिसकी वजह से 21 अगस्त को इसका शांतिपूर्ण तरीके से करारा जवाब देना है।