UP-Electricity Bill- सर्दी में बिजली का बिल देगा जोर का झटका, उठे सवाल वृद्धि के आधार पर

आपका बिजली का बिल सर्दी के सितम के बीच 13 से 15 फीसदी तक बढ़ सकता है. इससे 50 से 1 रुपये प्रति यूनिट की बिजली दरें घरेलू बिजली उपभोक्ता और कामर्शियल पावर कंज्यूमर्स के लिए बढ़ सकती हैं. बिजली कंपनियां राज्य विद्युत नियामक आय़ोग के समक्ष सोमवार को नई बिजली दरों का प्रस्ताव पेश करने वाली हैं.

UP-Electricity Bill- सर्दी में बिजली का बिल देगा जोर का झटका, उठे सवाल वृद्धि के आधार पर

उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड के बीच बिजली बिल विद्युत उपभोक्ताओं को जोर का झटका देने वाला है. आपका बिजली का बिल सर्दी के सितम के बीच 13 से 15 फीसदी तक बढ़ सकता है. इससे 50 से 1 रुपये प्रति यूनिट की बिजली दरें घरेलू बिजली उपभोक्ता और कामर्शियल पावर कंज्यूमर्स के लिए बढ़ सकती हैं. 

बिजली कंपनियां राज्य विद्युत नियामक आय़ोग के समक्ष सोमवार को नई बिजली दरों का प्रस्ताव पेश करने वाली हैं. इस प्रस्ताव की समीक्षा के बाद मुहर लग सकती है.  गौरतलब है कि घने कोहरे और शून्य के नजदीक तापमान के साथ कोल्ड वेव अलर्ट मौसम विभाग की ओर से जारी किया गया है.लेकिन इस बीच बढ़ी बिजली दरों का सामना उनको अगले महीने से करना पड़ सकता है.  

उपभोक्ताओं के बकाये 25133 करोड़ रुपये समायोजित करने पर अगले पांच वर्षों तक 7 प्रतिशत बिजली की दरों को कम किया जा सकता है. लेकिन, बिजली कंपनियों की कोशिश है कि उदय के बजाय आरडीएसएस में अनुमोदित ज्यादा लाइन हानियों के आधार पर दरें तय हों. बिजली कंपनियों की कोशिश है कि उदय के बजाय आरडीएसएस में अनुमोदित ज्यादा लाइन हानि के आधार पर दरें तय की जाएं. 

बिजली कंपनियां इस बार लगभग 13 से 15 फीसदी दरें बढ़ाने की तैयारी में हैं. दरअसल, राज्य विद्युत नियामक आयोग ने 2023-24 के वार्षिक राजस्व आवश्यकता और टैरिफ प्रस्ताव देने के लिए बिजली कंपनियों को 2 माह की मोहलत देने से इनकार कर दिया है. नियामक आयोग के आदेश के बाद पावर कारपोरेशन एआरआर और टैरिफ प्रस्ताव को अंतिम रूप देने में जुटा है. 

सूत्रों का कहना है कि बिजली कंपनियां इस बार लगभग 13 से 15 प्रतिशत दरें बढ़ाने की तैयारी में हैं. बिजली कंपनियां इस प्रयास में लगी हैं कि वह अपने घाटे को पूरा करने के लिए अधिक लाइन लॉस दिखाकर बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दिला लें. हालांकि नियामक आयोग बिजली कंपनियों के इस आधार को मानते हुए प्रस्ताव को स्वीकार करेगा, ऐसा कम ही लगता है.

उधर, विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि उपभोक्ताओं की बकाये राशि का समायोजन किए बिना बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव को स्वीकृत करना उपभोक्ताओं के साथ अन्याय होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से भी बिजली दरों में बढ़ोतरी प्रस्ताव को रोकने की मांग की है। उनका कहना है कि प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है तो उपभोक्ताओं की नजर में सरकार की छवि खराब होगी।