यूपी इन्वेस्टर्स समिट ने तोड़ा वाइब्रेंट गुजरात का रिकॉर्ड, बना निवेश का सिरमौर, सबसे अधिक करार
अब तक के वाइब्रेंट गुजरात समिटों में अधिकतम 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इसी साल जनवरी में मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश करार हुए थे। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में 32.92 लाख करोड़ रुपये के निवेश एमओयू साइन कर उत्तर प्रदेश ने वाइब्रेंट गुजरात समिट और इन्वेस्ट मध्य प्रदेश समिट का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इतनी बड़ी निवेश राशि के करार और 92 लाख को रोजगार का वादा कर प्रदेश ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
प्रदेश वासियो के लिए अच्छी खबर उत्तर प्रदेश ने इस साल आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में निवेश के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में 32.92 लाख करोड़ रुपये के निवेश एमओयू साइन कर उत्तर प्रदेश ने वाइब्रेंट गुजरात समिट और इन्वेस्ट मध्य प्रदेश समिट का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इतनी बड़ी निवेश राशि के करार और 92 लाख को रोजगार का वादा कर प्रदेश ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
अब तक के वाइब्रेंट गुजरात समिटों में अधिकतम 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इसी साल जनवरी में मध्यप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश करार हुए थे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 29 लाख लोगों को रोजगार देने का दावा किया है। राजस्थान में अक्तूबर 2022 में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में 11 लाख करोड़ रुपये के करार हुए थे। सीएम अशोक गहलोत ने दस लाख लोगों को रोजगार मिलने का दावा किया था।
ओडिशा में 2022 के इन्वेस्टर्स समिट में दस लाख करोड़ के करार का दावा किया गया था। अप्रैल 2022 में आयोजित बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में 3.42 लाख करोड़ रुपये के करार हुए थे। इसी तरह इन्वेस्ट कर्नाटका-2022 में 9.8 लाख करोड़ के करार हुए थे।
आंध्र सरकार 3-4 मार्च को विशाखापट्नम में इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन करेगी। महाराष्ट्र में भी इसी वर्ष समिट प्रस्तावित है। ऐसे में यूपी के रिकॉर्ड ने दूसरे राज्यों के सामने चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रख दिया है।
औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार का कहना है कि 32.92 लाख करोड़ के करार में रिलायंस ग्रुप के 75 हजार करोड़ रुपये के निवेश शामिल नहीं हैं। अशोक हिंदुजा ग्रुप ने शुक्रवार को 25 हजार करोड़ रुपये निवेश का करार किया है। सरकार को लगातार प्रस्ताव मिल रहे हैं। इस लिहाज से एमओयू का आंकड़ा 34 लाख करोड़ से अधिक होगा।