उज्जैन महाकाल कॉरिडोर का नाम श्री महाकाल लोक होगा, PM मोदी 11 तारीख को करेंगे उद्घाटन

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि महाकाल कॉरिडोर अब श्री महाकाल लोक के नाम से जाना जाएगा। शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में बैठक के दौरान बीच वाली कुर्सी छोड़ दी क्योंकि उज्जैन में महाकाल का राज है। सेंटर चेयर के पीछे महाकाल की तस्वीर लगी थी। सीएम शिवराज सिंह चौहान बगल की कुर्सी पर बैठे थे।

उज्जैन महाकाल कॉरिडोर का नाम श्री महाकाल लोक होगा, PM मोदी 11 तारीख को करेंगे उद्घाटन

मध्य प्रदेश में शिवराज कैबिनेट की बैठक उज्जैन में अब समाप्त हो गई है। कैबिनेट की बैठक से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों को संबोधित किया है। साथ ही उज्जैन में चल रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी है। कैबिनेट की बैठक में सीएम बीच की कुर्सी पर बैठते हैं। शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में बैठक के दौरान बीच वाली कुर्सी छोड़ दी क्योंकि उज्जैन में महाकाल का राज है। यहां उन्हीं की सरकार है। कैबिनेट मीटिंग के दौरान इसकी झलक देखने को मिली है। सेंटर चेयर के पीछे महाकाल की तस्वीर लगी थी। सीएम शिवराज सिंह चौहान बगल की कुर्सी पर बैठे थे।

बैठक से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि महाकाल कॉरिडोर अब श्री महाकाल लोक के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकाल महाराज से प्रार्थना है कि वो सभी प्रदेशवासियों पर कृपा बरसाएं, आशीर्वाद दें और भौतिकता की अग्नि में दग्ध विश्व मानवता को हमारा देश शाश्वत शांति के पथ का दिग्दर्शन कराएं, यही मंंगल कामना है।  

बता दे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को महाकाल की नगरी उज्जैन आएंगे। यहां प्रधानमंत्री विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल के भव्य नवनिर्मित कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद कॉरिडोर को आम श्रद्धालुओं क लिए खोल दिया जाएगा। प्रधानमंत्री के उज्जैन आने को लेकर तैयारियों तेजी से की जा रही है। 

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि यह ऐतिहासिक पल है हम सभी के लिए। हमने कल्पना की थी कि महाकाल महाराज के परिसर का विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रुद्रसागर को हमने पुनर्जीवित किया है। इसमें क्षिप्रा नदी का पानी रहेगा। मंदिर में लाइटिंग और साउंड सहित महाकाल पथ का निर्माण किया। दूसरे चरण में भी कई यहां काम पूर्ण होने हैं। ये सभी कार्य महाकाल महाराज ही करवा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को प्रथम चरण के कार्यों का उद्घाटन करेंगे। सीएम ने कहा कि लगभग 200 वर्षो बाद ऐसा पहली बार मौका आया है कि सरकार सेवक के रूप में उज्जैन में बैठक कर रही है। आज हमारा पहला निर्णय यही है कि महाकाल परिसर 'श्री महाकाल लोक' के नाम से जाना जाएगा। हमने कई मकान विस्थापित किए, उनको कष्ट न देते हुए 150 करोड़ रुपये की लागत से उन्हें विस्थापित किया। कई विकास के काम हमने किए हैं। रुद्रसागर को हमने पुनर्जीवित किया है। इसमें क्षिप्रा नदी का पानी रहेगा। मंदिर में लाइटिंग और साउंड सहित महाकाल पथ का निर्माण किया। दूसरे चरण में भी कई यहां काम पूर्ण होने हैं। ये सभी कार्य महाकाल महाराज ही करवा रहे हैं।

इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में क्षिप्रा नदी किनारे रिवर फ्रंट भी विकसित करने का निर्णय लिया गया है, जिससे उज्जैन का अलग रूप निखरेगा। उन्होंने कहा कि यहां दादा की सवारी निकलती है तो पुलिस बैंड भी निकलता है। हम महाकाल पुलिस बैंड प्रारंभ करेंगे, जिनका उपयोग अनेक त्योहारों और पर्व पर किया जाएगा। इसमें 36 नये पदों का सृजन किया जाएगा।

इसके साथ ही उज्जैन में हवाई पट्टी का भी विकास होगा। कैबिनेट ने 41 करोड़ रुपये भूअर्जन और 39 करोड़ रुपये हवाई पट्टी के विकास के लिए मंजूर की है। महाकाल लोक के दोनों चरणों के काम पर कुल 856 करोड़ नौ लाख रुपये का खर्च आएगा। सीएम ने कहा है कि दूसरे चरण में भी कई अहम काम होने हैं।

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि 36 नए पद उज्जैन में बैंड के लिए स्वीकृत किए गए है।  महाकाल लोक के विस्तार के लिए 2017 में प्रस्ताव पास हुआ था।  2018 में टेंडर बुलाए गये थे।  इसके बाद कांग्रेस सरकार आई, तो ठंडे बस्ते में ये प्रोजेक्ट चला गया।  उसके बाद फिर से सीएम शिवराज बने आज सपना साकार हुआ है।  पर्यटन के क्षेत्र में 8 पुरुस्कार मिले। 

मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल परिसर का विस्तार 20 हेक्टेयर में किया जा रहा है। विस्तार के बाद महाकाल मंदिर परिसर उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से चार गुना बड़ा होगा। काशी विश्वनाथ कॉरीडोर 5 हेक्टेयर में फैला है।

महाकाल कॉरिडोर पौराणिक सरोवर रुद्रसागर के किनारे विकसित किया जा रहा है। यहां भगवान शिव, देवी सती और दूसरे धार्मिक किस्सों से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां और भित्त चित्र बनाए गए हैं। श्रद्धालु हर एक भित्ति चित्र की कथा इस पर स्कैन कर सुन सकेंगे। सप्त ऋषि, नवग्रह मंडल, त्रिपुरासुर वध, कमल ताल में विराजित शिव, 108 स्तम्भों में शिव के आनंद तांडव का अंकन, शिव स्तम्भ, भव्य प्रवेश द्वार पर विराजित नंदी की विशाल प्रतिमाएं मौजूद हैं। महाकाल कॉरिडोर में देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया गया है।


 
महाकाल परिसर विस्तार की कल्पना 2016 सिंहस्थ के समय शुरू हुई थी, लेकिन फिर प्रारंभिक चरण में नागरिकों, मंदिर समिति और इससे संबंधित सभी लोग से चर्चा की गई और उनकेव चारों को ध्यान में रखकर परिसर के विस्तार की योजना बनाई। प्रारंभ में योजना की लागत 95 करोड़ की थी। जिसे बढ़ाकर 856 करोड़ किया गया। इसके पहले चरण में 351 करोड़ 55 लाख का था, लेकिन उस समय यह आवश्यकता महसूस हुई कि प्रथम चरण के अलावा भी और काम होंगे। पुर द्वितीय चरण 310 करोड़ 22 लाख का और यह भूअर्जन और बाकी अन्य चीजें विस्थापित की गई। 

इसके तहत पहले चरण में महाकाल पथ, रूद्र सागर का सौंदर्यीकरण, विश्राम धाम आदि काम पूरे किए जा चुके हैं। विस्तारीकरण के कामों के बीच हाल ही में महाकाल पथ श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था। त्रिवेणी संग्रालय के पास से महाकाल पथ का बड़ा द्वार बनाया गया है। विस्तार के बाद महाकाल मंदिर के सामने का मार्ग 70 मीटर चौड़ा हो गया है। महाकाल मंदिर चौराहे तक का मार्ग 24 मीटर चौड़ा किया जाएगा। विस्तारीकरण के बाद महाकाल मंदिर का क्षेत्र 2.2 हेक्टेयर से बढ़कर 20 हेक्टेयर से अधिक हो गया है।