चुनावी मैदान में साथ उतरे चाचा-भतीजा और पिता, ६ साल का इंतज़ार ख़तम

रोड शो की खास बात ये रही कि उसमें अखिलेश के अलावा उनके पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल यादव भी साथ नजर आए. 2022 के इस यूपी चुनाव ने समाजवादी पार्टी की एक इच्छा पूरी कर दी है, जो पार्टी पिछले कई सालों से परिवार की अंदरूनी कलह की वजह से बिखरती दिख रही थी, अब एक बार फिर उसे एक सूत्र में बांधने का काम तेज हो गया है. इसका ताजा उदाहरण गुरुवार को तब देखने को मिल गया जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इटावा में एक रोड शो किया।

चुनावी मैदान में साथ उतरे चाचा-भतीजा और पिता, ६ साल का इंतज़ार ख़तम

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इटावा में एक बड़ा रोड शो निकाला. उस रोड शो की खास बात ये रही कि उसमें अखिलेश के अलावा उनके पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल यादव भी साथ नजर आए.

सोशल मीडिया पर उस रोड शो की कई सारी तस्वीरें वायरल हो गई हैं. कार्यकर्ताओं का बड़ा हुजूम है, सड़क पर जाम की स्थिति है और पुलिस के लिए भीड़ पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है. लेकिन कार्यकर्ताओं के इस जोश के बजाय चर्चा का केंद्र बना है समाजवादी पार्टी का विजयरथ जिसके अंदर अखिलेश यादव सवार रहे. उनके साथ बैठे थे सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और पीछे खड़े थे जसवंत नगर से सपा प्रत्याशी और अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव. 

2022 के इस यूपी चुनाव ने समाजवादी पार्टी की एक इच्छा पूरी कर दी है, जो पार्टी पिछले कई सालों से परिवार की अंदरूनी कलह की वजह से बिखरती दिख रही थी, अब एक बार फिर उसे एक सूत्र में बांधने का काम तेज हो गया है. इसका ताजा उदाहरण गुरुवार को तब देखने को मिल गया जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इटावा में एक रोड शो किया। 

जब विजयरथ से बाहर निकल अखिलेश ने चाचा शिवपाल यादव संग लोगों का अभिवादन किया तो कार्यकर्ताओं का जोश सातवें आसमान पर दिखा. अखिलेश का ये विशाल रोड शो शहर के टिक्सी मंदिर से होते हुए पचराहा, नगर पालिका चौराहा, नौरंगाबाद चौराहा, शास्त्री चौराहा से होते हुए भरथना चौराहे पर  समाप्त हुआ था. नगरपालिका चौराहे पर ही मुलायम और शिवपाल यादव ने भी रोड शो में शिरकत की थी और 6 साल बाद 'एकजुट परिवार' वाला संदेश देखने को मिला. 

चाचा शिवपाल के साथ आने पर भी अखिलेश ने खुशी जाहिर की. उन्होंने बोला कि इटावा वालों ने सम्मान बढ़ाया है. समय समय पर साथ दिया है. आज तो नेता जी भी साथ हैं वैसे तो चाचा के आने से मामला ठीक हो गया है और अच्छा यह हो गया है कि साइकिल पर चुनाव लड़ रहे हैं. सबसे अच्छी बात है कि नेता जी ने आकर के हमारे आपकेकार्यक्रम में चार चांद लगा दिए, यह सम्मान कभी नहीं भूलेंगे. उन्होंने कहा कि जहां पर कभी डकैत होते थे, वहां अब शेर पैदा हो रहे हैं. पूरे एशिया में कहीं भी ब्रीडिंग सेंटर नहीं है, जहां शेर पैदा हो रहे हैं. यहां इटावा में समाजवादियों ने शेर पैदा करने की जगह बनाई है.