फिर शुरू हुई चाचा भतीजे की तकरार, अखिलेश यादव से नाराज शिवपाल पहुंचे दिल्ली
सपा ने 26 मार्च को अपने सभी विधायकों की बैठक बुलाई थी, लेकिन इसमें शिवपाल को नहीं बुलाया गया था. सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि अभी सिर्फ पार्टी विधायकों को बुलाया गया है। 28 मार्च को लखनऊ में सपा गठबंधन के विधायकों की प्रस्तावित बैठक में आमंत्रण न मिलने से नाराज प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अध्यक्ष शिवपाल यादव दिल्ली पहुंच गए हैं।
पन्न हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद एक बार फिर से चाचा-भतीजे यानी अखिलेश यादव और शिवपाल यादव में दूरियां बढ़ने लगी हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 28 मार्च को लखनऊ में सपा गठबंधन के विधायकों की प्रस्तावित बैठक में आमंत्रण न मिलने से नाराज प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अध्यक्ष शिवपाल यादव दिल्ली पहुंच गए हैं। समाजवादी पार्टी से विधायक बने शिवपाल सिंह यादव की अखिलेश यादव से नाराजगी की अटकलें तेज हो गई हैं। इटावा में एक कार्यक्रम में शिवपाल यादव शनिवार को समाजवादी पार्टी विधायक दल की बैठक में आमंत्रित नहीं किए जाने से परेशान दिखे और उन्होंने अपनी भावनाओं को जाहिर करने के लिए महाभारत और रामायण के पात्रों का इस्तेमाल किया।
दरअसल सपा ने 26 मार्च को अपने सभी विधायकों की बैठक बुलाई थी, लेकिन इसमें शिवपाल को नहीं बुलाया गया था. सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि अभी सिर्फ पार्टी विधायकों को बुलाया गया है. 28 मार्च को गठबंधन के सभी साथियों को बुलाया जाएगा. बता दें कि बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए चाचा-भतीजा एक हो गए थे. शिवपाल ने समाजवादी पार्टी की टिकट पर ही जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ा था. अब चुनाव में करारी हार के बाद एक बार फिर से दूरियां साफ नजर आने लगी हैं। शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी की ओर से यूपी चुनाव के समय में काफी तरजीह दी गई थी। जसवंतनगर का चुनाव समाप्त होने के बाद शिवपाल को सपा ने स्टार प्रचारक बनाया था। शिवपाल समाजवादी पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करते भी नजर आए थे। हालांकि, प्रसपा के कार्यकर्ताओं को टिकट न मिलने की टीस भी उनके मन में थी। चुनाव से पहले उन्होंने प्रसपा के 100 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारने की घोषणा की थी। लेकिन, भाजपा को रोकने के लिए उन्होंने कुर्बानी देने की बात कही।
इटावा में रविवार को एक कार्यक्रम में शिवपाल यादव ने रामायण में भगवान हनुमान से खुद की तुलना करते हुए, कहा, 'हमें हनुमान की भूमिका को याद रखना चाहिए क्योंकि उनकी वजह से ही भगवान राम ने लंका में युद्ध जीता था।'
शिवपाल यादव कहा ने महाभारत का जिक्र करते हुए कहा कि युधिष्ठिर को शकुनि के साथ जुआ नहीं खेलना चाहिए था। 'अगर उसे खेलना था, तो उसे दुर्योधन के साथ खेलना चाहिए था। यह शकुनि था जिसने महाभारत के लिए एक स्थिति बनाई थी।' शिवपाल यादव ने आगे कहा कि हनुमान ने ही लक्ष्मण की जान बचाई थी। भगवान ने भी कठिन परिस्थितियों का सामना किया है लेकिन अंत में सत्य की ही जीत होती है। शिवपाल यादव कहा ने महाभारत का जिक्र करते हुए कहा कि युधिष्ठिर को शकुनि के साथ जुआ नहीं खेलना चाहिए था। 'अगर उसे खेलना था, तो उसे दुर्योधन के साथ खेलना चाहिए था। यह शकुनि था जिसने महाभारत के लिए एक स्थिति बनाई थी।'