पश्चिम बंगाल का शिक्षक भर्ती घोटाला: ED को मिला '7 लाख' का पत्र, साथ में सीएम ममता बनर्जी के नाम लिखा पत्र
पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष व तृणमूल कांग्रेस विधायक मानिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार करने के बाद अदालत में दावा किया है कि उनके घर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखा गया एक पत्र बरामद हुआ है।
शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही ईडी ने मामले में पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष व तृणमूल कांग्रेस विधायक मानिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार करने के बाद अदालत में दावा किया है कि उनके घर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखा गया एक पत्र बरामद हुआ है। ईडी के अधिकारियों ने कहा कि गत 22 जुलाई को मानिक भट्टाचार्य के घर की तलाशी के दौरान उन्हें एक पत्र मिला, जो मुख्यमंत्री को लिखा गया था।
पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में तृणमूल कांग्रेस नेता मणिक भट्टाचार्य की गिरफ्तारी के बाद कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। खबर है कि अब प्रवर्तन निदेशालय को एक पत्र मिला है, जो साबित करता है कि नौकरी के बदले में लोगों से रुपये लिए गए थे। कहा जा रहा है कि इस पत्र में टीएमसी सुप्रीमो और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी जिक्र मिला है। फिलहाल, जांच जारी है। भट्टाचार्य को ED ने मंगलवार को गिरफ्तार किया था।
प्रसिद्द अख़बार इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जांच एजेंसी ने PMLA कोर्ट में आवेदन दिया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि टीएमसी नेता के पास से जब्त हुए एक पत्र से साबित हुआ है कि 44 उम्मीदवारों से शिक्षक के तौर पर नौकरी दिलाने के लिए 7-7 लाख रुपये लिए गए थे। भट्टाचार्य की कस्टडी की मांग कर रही ईडी ने कहा है कि वह रुपयों के बदले नौकरी देने वाले घोटाले के अहम लोगों में शामिल हैं। ईडी ने आरोप लगाए हैं कि पत्र सीएम बनर्जी के नाम भी लिखा गया था।
बता दे मुक्यमंत्री ममता को लिखे गए पत्र में इसमें शिकायत करते हुए कहा गया था कि 44 उम्मीदवारों से सात-सात लाख रुपये लेकर उन्हें नौकरी बेची गई थी। तृणमूल कांग्रेस के एक नेता उम्मीदवारों से इस बाबत रुपये संग्रह करने का काम करते थे। यह पत्र मुख्यमंत्री को किसने लिखा था, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। ईडी ने बताया कि मानिक भट्टाचार्य से विभिन्न समय जिरह के दौरान जब भी इस पत्र के बारे में पूछा गया तो उन्होंने हर बार इसकी अलग तरह से व्याख्या की। 10 अक्टूबर की रात को भी उनसे इस बारे में सवाल किया गया था। उन्होंने सहयोग करना तो दूर की बात, हर बार गुमराह करने की कोशिश की, जिसके बाद 11 अक्टूबर की सुबह उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, जांच एजेंसी की रिमांड एप्लिकेशन में आरोप लगाए गए हैं, ‘22.07.22 के पंचनामा के तहत मणिक भट्टाचार्य के ठिकानों पर की गई तलाशी में जब्त किए गए दस्तावेज से खुलासा हुआ है कि मणिक भट्टाचार्य को एक पत्र मिला था, जो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के नाम भी लिखआ गया था। उस पत्र में लिखी बातों से पता चला है कि 44 उम्मीदवारों से शिक्षकों की नौकरी के बदले 7-7 लाख रुपये की अवैध राशि ली गई थी। यह भी खुलासा हुआ है कि उक्त राशि पश्चिम बंगाल तृणमूल यूथ कांग्रेस कमेटी के एक महासचिव ने जुटाई थी।’
रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी ने टीएमसी नेता पर जांच को गुमराह करने के भी आरोप लगाए हैं। मंगलवार को गिरफ्तार हुए भट्टाचार्य को जोका ईएसआई अस्पताल में मेडिकल जांच के बाद 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया गया था। वह पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन (WBBPE) के पूर्व अध्यक्ष हैं। उन्हें जांच एजेंसी का सहयोग नहीं करने के चलते गिरफ्तार किया गया है।
साथ ही आरोप ये भी हैं कि उन्होंने कई बार समन का जवाब नहीं दिया। खास बात है कि इससे पहले भी ईडी ममता सरकार में शिक्षा मंत्री रह चुके पार्थ चटर्जी को भी गिरफ्तार कर चुकी है। जांच के दौरान उनकी करीबी मानी जाने वाली अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से करोड़ों रुपये और जेवर बरामद हुए थे।