ताज को सैकड़ों सालों तक सहजने के लिए क्या है प्लान? दो माह में सीईसी देगी रिपोर्ट; SC ने दिया समय
ताजमहल को सैकड़ों साल तक सुरक्षित रखने के लिए 6 साल पहले स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर ने विजन डॉक्यूमेंट बनाया था
ताजमहल को सैकड़ों साल तक सुरक्षित रखने के लिए 6 साल पहले स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर ने विजन डॉक्यूमेंट बनाया था, जिसे प्रदेश सरकार ने दाखिल किया था। इस विजन डॉक्यूमेंट को लागू करने से पहले इस पर सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी सुप्रीम कोर्ट को अपने सुझाव देगी। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर दो सदस्यीय बेंच ने यह आदेश दिया है।
विजन डॉक्यूमेंट के मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने सुनवाई में सीईसी को दो माह में अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने सुप्रीम कोर्ट में अपना शपथपत्र दाखिल किया है। इसे भी सीईसी को दिया गया है। सीईसी दो माह में अपनी रिपोर्ट कोर्ट के सामने रखेगी। याचिकाकर्ता और संबंधित पार्टियां सीईसी को 10 दिन के अंदर सुझाव भेज सकते हैं।
डिसिल्टिंग मामले में दो माह का वक्त
ताजमहल के पीछे यमुना नदी की डिसिल्टिंग करने के आदेश मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी रुड़की की टीम को सितंबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए हैं। 4 अक्तूबर को इस मामले की कोर्ट सुनवाई करेगा। उससे पहले आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों की टीम सभी सरकारी एजेंसियों और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से सुझाव ले सकता है। याचिकाकर्ता भी आईआईटी रुड़की को लिखित में अपने सुझाव दाखिल कर सकते हैं। प्रदेश सरकार ने डिसिल्टिंग पर सुझाव के लिए आईआईटी रुड़की को नियुक्त किया था।
काटने से पहले लगाने होंगे पेड़
सुप्रीम कोर्ट ने आगरा जलेसर एटा मार्ग के चौड़ीकरण में 2818 पेड़ काटने और 229 पेड़ ट्रांस लोकेट करने की याचिका पर आदेश दिया है कि पहले सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक 38470 पौधे लगाने होंगे और सीईसी की सभी सिफारिशों का पालन करना होगा, तब पेड़ काटने की अनुमति दी जाएगी। कोर्ट ने उन अधिकारियों के नाम भी बताने को कहा, जिन्होंने 11 जुलाई को दिए गए शपथपत्र में एक हजार अतिरिक्त पेड़ काटने की जरूरत बताई थी। ताज ट्रेपेजियम जोन में पेड़ काटने पर सख्ती दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए एक की जगह 10 पौधे पहले ही लगाने के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार ने अपनी याचिका में आगरा-जलेसर-एटा रोड के चौड़ीकरण के लिए 3874 पेड़ काटने की अनुमति मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने इस मामले में सेंट्रल एंपावर्ड कमेटी से रिपोर्ट मांगी थी।