योगी अखिलेश मिलकर आज क्यों ढूढेंगे महाना को, जानिए इस वजह को

योगी अखिलेश मिलकर आज क्यों ढूढेंगे महाना को, जानिए इस वजह को

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष के लिए बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री सतीश महाना का निर्विरोध चुना जाना तय है और आज इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी। बता दे विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विधायक सतीश महाना ने सोमवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। जानकारी के अनुसार, सतीश महाना ने विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे को अपना नामांकन पत्र सौंपा है।  इस मौके पर महाना के साथ उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के अलावा वरिष्ठ मंत्री सूर्य प्रताप शाही समेत कई प्रमुख लोग मौजूद थे। 

सतीश महाना कानपुर जिले की महाराजपुर विधानसभा सीट से आठवीं बार निर्वाचित हुए हैं। पिछली योगी सरकार में वह औद्योगिक विकास मंत्री थे। 

वहीं खास बात ये है कि सतीश महाना के अध्यक्ष के आसन पर बैठने से पहले सदन में एक पुरानी रस्म भी निभाई जाएगी और इसमें अध्यक्ष को ढूंढकर अध्यक्ष की सीट तक लाया जाएगा और ये रस्म सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रतिपक्ष के नेता अखिलेश यादव निभाएंगे। आज विधानसभा अध्यक्ष के पद पर सर्वसम्मति से चुनने से पहले सदन में सतीश महाना सदन में ऐसी जगह बैठेंगे जहां से वह आसानी से नजर नहीं आएंगे और योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को ढूंढेंगे । वह दोनों मिलकर उन्हें अध्यक्ष की सीट की ओर चलने का अनुरोध करेंगे। इस रस्म के मुताबिक योगी आदित्यनाथ सतीश महाना के एक तरफ होंगे और अखिलेश यादव दूसरी तरफ होंगे और उन्हें स्पीकर की सीट पर लाकर वहीं बैठाएंगे। वहीं अध्यक्ष चुने जाने के बाद सतीश महाना पूरे सदन के मुखिया बनेंगे और उनके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष बराबर होंगे। वहीं महाना विधानसभा में 18वें अध्यक्ष के तौर पर आज शपथ लेंगे।


महाना कानपुर से विधानसभा अध्यक्ष का पद संभालने वाले दूसरे नेता होंगे। इससे पहले वर्ष 1990-91 में कानपुर के हरिकिशन श्रीवास्तव मुलायम सिंह यादव की सरकार में विधानसभा अध्यक्ष थे। उल्लेखनीय है कि सात चरणों में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का परिणाम 10 मार्च को घोषित हुआ। 403 सदस्यों वाली विधानसभा में इस बार सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के 255 और उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 12 तथा निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के छह सदस्य निर्वाचित हुए हैं । राज्‍य की मुख्‍य विपक्षी समाजवादी पार्टी के 111 और उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के आठ व सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह सदस्य निर्वाचित हुए हैं। इसके अलावा कांग्रेस के दो, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो और बहुजन समाज पार्टी के पास एक सदस्य हैं. इस बार विधानसभा में एक भी निर्दलीय सदस्य नहीं है।