कोरोना के Lockdown में सबसे पहले शराब की दुकानें सरकार ने क्यो खोली जब बाकी सब कुछ बंद किया है हैरान हो जाओगे कारण जानकर

पिछले दिनों लॉकडाउन को बढ़ाने के साथ ही तलब की जमात पियक्कड़ के लिए शराब की दुकान खोल दे गयी उसके बाद क्या हुवा क्या हो है क्यों सरकर ने लॉक डाउन के बीच शराब दुकाने खोली उससे क्या फायदा होगा क्या फर्क पड़ेगा

पिछले दिनों लॉकडाउन को बढ़ाने के साथ ही तलब की जमात पियक्कड़ के लिए शराब की दुकान खोल दे गयी उसके बाद क्या हुवा क्या हो है क्यों सरकर ने लॉक डाउन के बीच शराब दुकाने खोली उससे क्या फायदा होगा क्या फर्क पड़ेगा इन सब सवालों के जवाब इस फिल्म के माधयम से देने का प्रयास किया गया है अंत तक देखे.

क्या आप जानते है कि शराब और पेट्रोल ये दो ऐसे उत्पाद हैं जिन पर राज्य सरकारें अपनी ज़रूरत के हिसाब से टैक्स लगाकर सबसे ज़्यादा राजस्व वसूलती हैं. माना जा रहा है कि राज्य सरकारों को हो रहे राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए ही लॉकडाउन के बावजूद शराब की दुकानें खोली गई हैं.

आम जनता के दिमाग में यह सवाल तो दौड़ ही रहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार में आबकारी मंत्री राम नरेश अग्निहोत्री का सोचना भी आम जन से अलग नहीं रहा है . आबकारी मंत्री राम नरेशअग्निहोत्री कहते हैं,

'शराब के ठेके खोलने के निर्णय में लोगों की सुविधा का भी ध्यान रखा गया है.'  इसके बाद पूछे गए सोशल डिस्टेंसिंग के सवाल पर वो कहते हैं, 

'ठेकों के पास क़ानून व्यवस्था और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए पुलिस तैनात की गई है.' 

आबकारी मंत्री राम नरेश अग्निहोत्री कहते हैं, 

'उत्तर प्रदेश सरकार को शराब की बिक्री बंद होने से प्रति माह पौने तीन हज़ार करोड़ रुपए के राजस्व नुकसान हो रहा था.'

ये पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने राजस्व वसूली के उद्देश्य से ही ठेके खोले हैं, मंत्री जी कहते हैं, 

'राजस्व वसूली तो एक मक़सद है ही लेकिन जनता की ज़रूरत का भी ध्यान रखा गया है.'

देश के जिन राज्यों में शराब बिकती हैं वहां सरकार के कुल राजस्व का पंद्रह से पच्चीस फ़ीसदी हिस्सा शराब से ही आता है. यही वजह है कि लॉकडाउन के बावजूद राज्य सरकारों ने शराब बेचने में जल्दबाज़ी दिखाई है. उत्तर प्रदेश , कर्नाटक और उत्तराखंड अपने कुल राजस्व का बीस फ़ीसदी से अधिक सिर्फ़ शराब की बिक्री से हासिल करते हैं. इस बात के उपवाद के रूप में देश के कुछ राज्य जैसे केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में सरकार कुल राजस्व का दस फ़ीसदी से कम शराब बिक्री से हासिल करती है क्योंकि यहां शराब पर टैक्स दूसरे प्रांतों के मुक़ाबले कम है.

कोरोना वायरस कोविद १९ अब जीवन मे है अब आगे हमको ही सतर्क और सावधान हो रहना है सर्कार अपना काम कर चुकी है जिम्मेदारी उठाने अब हम आम नागरिको का ही है.

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