क्यों मनाया जाता है गोवर्धन पूजा अन्नकूट पर्व जानिए क्या है गोवर्धन की कथा गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त
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दीपावली के बाद कार्तिक मास की पहली तिथि यानी परेवा या पड़वा को आज गोवर्धन पूजा की जाती है। यह दिन गिरिराज गोवर्धन पर्वत और भगवान कृष्ण को समर्पित होता है।
इस बार गोवर्धन पूजा आज यानि 05 नवंबर 2021 दिन शुक्रवार को मनाई जा रही है। पहले से चली आ रही परंपरा के अनुसार गोवर्धन पूजा के दिन घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाए जाते हैं, उन्हें फूलों आदि से सजाया जाएगा। उन्हें मिट्टी के मटके में दूध, दही और बताशों का भोग लगाने के बाद इस प्रसाद का वितरण होगा। सुबह और शाम दोनों समय गोवर्धन देव का पूजन किया जाएगा।
इस दिन को गोवर्धन पूजा के साथ-साथ अन्नकूट पर्व भी कहा जाता है। इस दिन नई फसल के अनाज और सब्जियों को मिलाकर अन्न कूट का भोग बनाकर भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाता है।
क्या है गोवर्धन की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण के द्वारा इंद्रदेव का अंहकार दूर करने के स्मरण में गोवर्धन का त्योहार मनाया जाता है।
पौराणिक कथा के अनुसार,भगवान कृष्ण के द्वारा ही सर्वप्रथम गोवर्धन पूजा आरंभ करवाई गई थी और गोवर्धन पर्वत तो अपनी उंगली पर उठाकर इंद्रदेव के क्रोध से ब्रज के समस्त नर-नारियों और पशु-पक्षियों की रक्षा की थी। यही कारण है कि गोवर्धन पूजा में गिरिराज के साथ कृष्ण जी के पूजन का भी विधान है।
क्यों मनाया जाता है गोवर्धन का पर्व
इस पर्व या त्यौहार को मनाने के पीछे आज के परिवेश में बहुत महत्वपूर्ण कारण है और इसकी प्रासंगिता भी है
गोवर्धन की पूजा करके लोग प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।
गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त-
गोवर्धन पूजा 5 नवंबर 2021 दिन शुक्रवार
कार्तिक मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि आरंभ- 05 नवंबर 2021 को प्रातः तड़के 02 बजकर 44 मिनट से
कार्तिक मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि समाप्त- 05 नवंबर 2021 को रात्रि 11 बजकर 14 मिनट पर
गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त - 06 बजकर 35 मिनट से 08 बजकर 47 मिनट तक
अवधि- 02 घण्टे 11 मिनट्स
गोवर्धन पूजा सायाह्नकाल मुहूर्त - 03 बजकर 21 मिनट से 05 बजकर 33 मिनट तक
अवधि - 02 घण्टे 11 मिनट्स
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