गर्भावस्था 9 महीने 9 दिन की ही क्यों होती है पहले महीने से नवें महीने तक गर्भ में पल रहे बच्चे पर किस ग्रह का प्रभाव पड़ता है कमजोर ग्रह को मजबूत करे बच्चे का उज्जवल भविष्य कीजिये
जैसे चिकित्सा शास्त्र में आयरन कैल्शियम आदि विटामिन्स की दवाओं के जरिये गर्भावस्था के दौरान हुयी शारीरिक कमियों को दूर किया जाता है वैसे ही अगर कोई ग्रह ब्रह्मांड में गर्भ में पल रहे बच्चे के समय कमजोर है तो कुछ आध्यात्मिक और ज्योतिषीय सरल उपायों के द्वारा उसको ठीक किया जा सकता है । जरूर जानिए महत्वपूर्ण जानकारी
आप में से कुछ ही लोगो को यह पता होगा कि पूरा प्रेगनेंसी पीरियड 9 महीने और 9 दिन का ही क्यों रहता है । आखिर क्यों पूर्ण गर्भकाल से पहले जन्मे बच्चे कमजोर और गर्भ काल पूरा होने के बाद पैदा बच्चे अधिक स्वस्थ बलवान और तेजस्वी होते है । अगर आप भी चाहते है कि आपकी संतान स्वस्थ मेधावी प्रतिभावान हो तो हमारे इस वीडियो को पूरा जरूर देखिएगा ।
हर गर्भवती महिला को अपने आने वाले बच्चे की खुशहाल जिंदगी के लिए ज्योतिष शास्त्र में बताए गए उपायों को जरूर करना चाहिए। इन नौ महीनों में हर एक महीना एक ग्रह से संबंधित है। माना जाता है कि ज्योतिष शास्त्र में बताए महीने में ग्रहों के उपाय करने से गर्भ में पल रहे बच्चे का भविष्य उज्जवल बनता है।
हमारे ब्रह्मांड के 9 ग्रह अपनी अपनी किरणों से गर्भ में पल रहे बच्चे को विकसित करते हैं । हर ग्रह अपने स्वभाव के अनुरूप बच्चे के शरीर के भागों को विकसित करता है । अगर कोई ग्रह ब्रह्मांड में गर्भ में पल रहे बच्चे के समय कमजोर है तो कुछ आधात्मिक और ज्योतिषीय सरल उपायों के द्वारा उसको ठीक किया जा सकता है ।
ठीक वैसे ही जैसे चिकित्सा शास्त्र में आयरन कैल्शियम आदि विटामिन्स की दवाओं के जरिये गर्भावस्था के दौरान हुयी शारीरिक कमियों को दूर किया जाता है ।
आइये जानते है गर्भावस्था के पहले महीने से लेकर नवें महीने तक किस गृह का प्रभाव रहता है
गर्भावस्था का प्रथम माह
गर्भ से 1 महीने तक शुक्र का प्रभाव रहता है । शुक्र ग्रह को जीवन में सुख देने वाला ग्रह माना जाता है। कहते हैं कि जिसकी कुंडली में शुक्र उच्च स्थिति में होता है उसे जीवन के सभी सुख बहुत आसानी से मिल जाते हैं।
अगर गर्भावस्था के समय शुक्र कमजोर है तो शुक्र को मजबूत करना चाहिए । अगर शुक्र मजबूत होगा तो बच्चा बहुत सुंदर होगा । इस समय स्त्री को चटपटी चीजें खानी चाहिए । शुक्र का दान न करे । अगर दान किया तो शुक्र कमजोर हो जाएगा ।
गर्भावस्था का दूसरा माह
दूसरे महीने में मंगल का प्रभाव रहता है । मीठा खा कर मंगल को मजबूत करना चाहिए । तथा लाल वस्त्र ज्यादा धारण करने चाहिए । मंगल ग्रह को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कि जिस की कुंडली में मंगल उस स्थिति में होता है उसका शरीर बहुत बलशाली, रोगमुक्त और ताकतवर होता है।
गर्भावस्था का तीसरा माह
तीसरे महीने में गुरु ग्रह का प्रभाव रहता है । दूध और मीठे से बनी मिठाई या पकवान का सेवन करना चाहिए तथा पीले वस्त्र ज्यादा धारण करने चाहिए । ऐसा करने से गुरु ग्रह मजबूत होगा । जीवन में शिक्षा, रोजगार, विवाह और संतान को बृहस्पति ग्रह प्रभावित करते हैं। जिस व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति उच्च का होता है उसे उच्च शिक्षा प्राप्त होती है, अच्छा रोजगार मिलता है, गुणवान जीवनसाथी से विवाह होता है और नेक संतान की प्राप्ति होती है।
गर्भावस्था का चौथा माह
चौथे महीने सूर्य ग्रह का प्रभाव रहता है । रसों का सेवन करना चाहिए तथा महरून वस्त्र ज्यादा धारण करने चाहिए । सूर्य देव पिता का सुख, ददिहाल से मिलने वाला प्यार, हड्डियों की मजबूती और सरकारी नौकरी को प्रभावित करते हैं। जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य उच्च स्थिति में होता है उसके पिता की लंबी उम्र होती है। साथ ही उसके जीवन में सरकारी नौकरी के अवसर बनते हैं।
गर्भावस्था का पांचवा माह
पांचवें महीने चंद्र ग्रह का प्रभाव रहता है । दूध और दही तथा चावल तथा सफ़ेद चीजों का सेवन करना चाहिए तथा सफ़ेद वस्त्र ज्यादा धारण करने चाहिए । चंद्र देव माता की लंबी उम्र, ननिहाल से मिलने वाला प्यार और बच्चे की मानसिक स्थिति को प्रभावित करते हैं। जिन बच्चों का चंद्र ग्रहण गर्भ में ही मजबूत हो जाता है उन्हें जीवन में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है।
गर्भावस्था का छठा माह
छठे महीने शनि ग्रह का प्रभाव रहता है । शनिदेव बच्चे के बाल, नाखून और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करते हैं। माना जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह उस स्थिति में होता है उसे जीवन में ज्यादा दुख-दर्द और कष्ट नहीं झेलने पड़ते हैं। कशीली चीजों जैसे केल्शियम और रसों का सेवन करना चाहिए तथा आसमानी वस्त्र ज्यादा धारण करने चाहिए ।
गर्भावस्था का सातवाँ माह
सातवें महीने बुध ग्रह का प्रभाव रहता है । जूस और फलों का खूब सेवन करना चाहिए तथा हरे रंग के वस्त्र ज्यादा धारण करने चाहिए। यदि बुध ग्रह को मजबूत करने के उपाय किए जाएं तो बच्चे की बुद्धि, वाणी, आत्मविश्वास और लेखन में वृद्धि करके उसे श्रेष्ठ बनाया जा सकता है। बुध ग्रह बुद्धिमता का प्रतीक है।
गर्भावस्था का आठवाँ माह
आठवे महीने फिर चंद्र ग्रह का प्रभाव रहता है। इस दौरान चंद्र देव को मजबूत करने के उपाय करने चाहिए। जिस व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा मजबूत है उसकी माता की उम्र लंबी होती है। साथ ही उसे ननिहाल से बहुत प्रेम मिलता है।
गर्भावस्था का नौवाँ माह
नौवें महीने सूर्य ग्रह का प्रभाव रहता है । सूर्य देव पिता की उम्र को प्रभावित करते हैं। माना जाता है कि जिस की कुंडली में सूर्य देव मजबूत होते हैं वह व्यक्ति बहुत प्रभावशाली होता है। ऐसा व्यक्ति अपने जीवन में लीडर की भूमिका निभाता है।
गर्भावस्था के पहले महीने से लेकर नवें महीने तक अगर कोई ग्रह नीच राशि गत भ्रमण कर रहा है तो उसका पूरे महीने यज्ञ करना चाहिए । जितना गर्भ ग्रहों की किरणों से तपेगा उतना ही बच्चा महान और मेधावी होगा ।
मान्यता है कि जो गर्भवती महिला प्रेग्नेंसी के नौ महीनों के दौरान अपने गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए कुछ विशेष उपाय करती है उसके बच्चे के नवग्रह मजबूत हो जाते हैं। जिस बच्चे की कुण्डली में उसके नवग्रह अच्छी स्थिति यानी उस स्थिति में होते हैं वह जीवन में सभी सुख पाता है।
ये सभी बातें आध्यात्मिक और ज्योतिषीय विद्या के आधार पर हैं जिनका ज्योतिष पर प्रगाढ़ पूर्ण विश्वास है उनको यहाँ बताई गयी बातो पर इन जरुर ध्यान अवश्य ध्यान देना चाहिए , और यह तो सत्य ही है कि ग्रहों का प्रभाव सम्पूर्ण सृष्टि के समस्त प्राणी पर पड़ता ही है और इस बात को दुनिया भर के बड़े बड़े वैज्ञानिक प्रमाणित भी कर चुके हैं।
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