क्या तीसरी लहर लाएगा कोरोना वेरिएंट बी.1.1 ओमिक्रॉन जानिए सबकुछ अबतक का सबसे तेज़ फैलने वाला कोरोना वेरिएंट सतर्कता जरूरी
ओमिक्रॉन से नई लहर का खतरा है, क्योंकि यह डेल्टा से 7 गुना तेजी से फैल रहा है। यही नहीं, यह तेजी से म्यूटेट भी हो रहा है। पकड़ में आने से पहले ही इसमें 32 म्यूटेशन हो चुके हैं। इसका स्पाइक प्रोटीन 32 म्यूटेंट से मिलकर बना है, यही बात इसे बाकी स्ट्रेन से खतरनाक बना रही है। दरअसल स्पाइक प्रोटीन के जरिए ही वायरस हमारे शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करता है। यही नहीं, वैक्सीन के जरिए भी इसी स्पाइक प्रोटीन को ही निशाना बनाया जाता है। यही नहीं, डेल्टा वैरियंट की तुलना में भी कई गुना खतरनाक माना जा रहा है। ओमिक्रॉन के रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन में भी 10 तरह के म्यूटेशन पाए गए हैं। जबकि डेल्टा में इस तरह के सिर्फ दो तरह के म्यूटेशंस पाए गए थे।
कोरोना वायरस को हमारे बीच आए हुए लगभग 2 साल से ज्यादा हो चुके हैं। इस वायरस की सबसे खतरनाक बात यह रही है कि यह खुद को ऑटो इम्यून सिस्टम से बचाने के लिए अपना रूप बदल लेता है। ऐसा ही कुछ एक बार फिर लगभग दो साल बाद देखने को मिल रहा है।
कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने दुनिया के अन्य देशों के साथ भारत की भी चिंता बढ़ा दी है। इस जानलेवा वेरिएंट को रोकने के लिए भारत सरकार ने दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, हांगकांग और बोत्सवाना सहित 12 देशों के नाम जारी किए हैं, जहां से आने वाले हवाई यात्रियों की स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दिया गया है। इन सभी यात्रियों को भारत सरकार के द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। वहीं इससे पहले, स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा था कि राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) द्वारा रिपोर्ट किया गया है कि तीन देशों में कोरोना वेरिएंट बी.1.1 ओमिक्रॉन के कई मामले हैं। बोत्सवाना में तीन दक्षिण अफ्रीका में छह और हांगकांग में एक मामले सामने आए हैं।
ये वायरस कहाँ से आया इसके बारे में सिर्फ अभी अनुमान ही लगाया जा रहा है। एक अनुमान है कि ये वायरस का नया म्यूटेंट एक ऐसे एड्स के मरीज से आया है जिसकी इम्यूनिटी क्षमता बेहद कमजोर हो चुकी थी। करीब 82 लाख एड्स मरीज वाले देश दक्षिण अफ्रीका के लिए इस आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। पिछले साल आया बीटा वैरियंट का स्रोत भी दक्षिण अफ्रीका के एचआईवी संक्रमिक व्यक्ति को ही माना जाता है।
भारत में जिन 12 देशों से यात्रियों के लिए स्क्रीनिंग अनिवार्य किया गया है इनमें दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, इस्राइल, हांगकांग, ब्रिटेन सहित यूरोप के देश शामिल हैं।
कोरोना वायरस के 'ओमिक्रॉन' वेरिएंट ने वैश्विक बाजार में भी खलबली मचा दी है और अभी तक इस बात की कोई खबर नहीं है, कि वायरस का नया वेरिएंट कितने देशों में फैला है और ये कितना खतरनाक है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वायरस के इस वेरिएंट को 'चिंताजनक' बताया है। वहीं, विश्व व्यापार संगठन यानि, डब्ल्यूटीओ ने 30 नवंबर से 3 दिसंबर के बीच जिनेवा में होने वाली मंत्रिस्तरीय बैठक रद्द कर दी है।
इस वेरिएंट के सामने आने के बाद वीजा प्रतिबंधो में ढील के साथ अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा प्रारंभ करने पर एक बार फिर से असर पड़ सकता है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अगर सख्ती नहीं बरती गई तो सार्वजनिक स्वास्थ्य पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने शुक्रवार कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर एक बैठक की। इसमें दक्षिण अफ्रीका में बड़ी संख्या में पाए गए एक नए कोविड-19 संस्करण ओमिक्रॉन को चिंता के विषय के रूप में नामित किया है। यह पांचवां वैरिएंट है जिसे नाम दिया गया है।
आरंभिक चर्चाओं में कोरोना का यह स्ट्रेन अब तक का सबसे खतरनाक स्ट्रेन बताया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि अपने स्पाइक प्रोटीन में बड़ी संख्या में म्यूटेशन समाए हुए है। बताया जा रहा है कि इसका स्पाइक प्रोटीन 32 म्यूटेंट से मिलकर बना है, यही बात इसे बाकी स्ट्रेन से खतरनाक बना रही है। दरअसल स्पाइक प्रोटीन के जरिए ही वायरस हमारे शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करता है। यही नहीं, वैक्सीन के जरिए भी इसी स्पाइक प्रोटीन को ही निशाना बनाया जाता है। यही नहीं, डेल्टा वैरियंट की तुलना में भी कई गुना खतरनाक माना जा रहा है। ओमिक्रॉन के रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन में भी 10 तरह के म्यूटेशन पाए गए हैं। जबकि डेल्टा में इस तरह के सिर्फ दो तरह के म्यूटेशंस पाए गए थे। साथ ही यह वैरियंट हवा से फैलने वाला यानी एयरबॉर्न है। इसलिए इसमें खतरनाक चुनौती बनने की सभी प्रकार की विशेषताएं मौजूद है।
इसी को लेकर लंदन के इंपीरियल कॉलेज के वायरोलॉजिस्ट और डॉक्टर टोम पीकॉक ने ट्वीट भी किया है। इसके अलावा डॉक्टर टोम ने एक साइट पर इससे संबंधित जानकारी भी साझा की है। डॉक्टर टोम समेत दुनियाभर के विशेषज्ञ इस स्ट्रेन को लेकर बेहद चिंतित नजर आ रहे हैं। शोधकर्ता अभी भी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या ये हमारे शरीर में जल्दी प्रवेश करता है यानी क्या ये ज्यादा संक्रामक है और क्या ये ज्यादा घातक है।
ओमिक्रॉन से नई लहर का खतरा है, क्योंकि यह डेल्टा से 7 गुना तेजी से फैल रहा है। यही नहीं, यह तेजी से म्यूटेट भी हो रहा है। पकड़ में आने से पहले ही इसमें 32 म्यूटेशन हो चुके हैं। इसे देखते हुए यूरोपीय यूनियन के सभी 27 देशों ने 7 अफ्रीकी देशों से उड़ानों पर रोक लगा दी है।
कोरोना के नए B.1.1.529 वेरिएंट का नामकरण हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने इस वेरिएंट का नाम ओमिक्रॉन रखा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को इस वैरिएंट पर चर्चा के लिए बैठक रखी थी, जहां इस कोरोना के प्रकार को नाम दिया गया। इस कोरोना वैरिएंट का नाम भी ग्रीक अल्फाबेट के आधार पर रखा गया है। इससे पहले दिसंबर 2020 के अंत में दुनियाभर में तबाई मचाने वाला डेल्टा वैरिएंट का नाम भी WHO ने रखा था जिसे चिंता के एक प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया गया था।
वायरस इंसान की कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए स्पाइक प्रोटीन का इस्तेमाल करते हैं। वैक्सीन शरीर को इन स्पाइक को पहचानने और उन्हें बेअसर करने के लिए तैयार करती है। बी.1.1.529 वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में 32 वैरिएंट हैं। इससे वैज्ञानिक चिंतित हैं, क्योंकि म्यूटेशन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली से बचकर अगली लहर का कारण बनता है।
दक्षिण अफ्रीका में इसके पहले कुछ केस सामने आने के बाद एक दिन के अंदर ही यहां संक्रमण दर 93 फीसदी तक बढ़ गई है। स्थानीय वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना का यह वैरिएंट अब तक दक्षिण अफ्रीका के नौ प्रांतों में फैल चुका है और इसके ज्यादातर शिकार युवा हैं।
अमेरिका के CBC न्यूज़ के मुताबिक फाइजर ने एक बयान जारी कर कहा है कि वो फिलहाल मौजूदा वैक्सीन को ओमिक्रॉन के खिलाफ टेस्ट कर रहे है. कंपनी के मुताबिक अगर ये असरदार नहीं हुआ तो फिर मौजूदा वैक्सीन में कुछ फेरबदल कर नई वैक्सीन तैयार की जाएगी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुतबिक अगले दो हफ्ते में टेस्ट के नतीजे सामने आ जाएंगे.
यह खबर किसी प्रकार का भय उत्पन्न करने के लिए नहीं बल्कि जो लोग लापरवाह हो चुके उनके साथ अन्य सभी सावधान हो जाये क्योकि सतर्कता ही बचाव है .