क्या इस बार टूटेगी पिछले ३ बार से चली आ रहा बिना चुनाव लड़े मुख्यमंत्री बनने की परंपरा
उत्तर प्रदेश में अगले 23 दिन बाद नया मुख्यमंत्री चुना जाएगा। आजकल जहा भी चुनावी चर्चा चलती है उसमे इस प्रश्न पर कि “कौन होगा अगला CM” तो दो ही नाम सुनाई पड़ते है ,
“योगी आदित्यनाथ या अखिलेश यादव”
लेकिन अगर पिछले 3 चुनाव का एक ट्रेंड की बात करे तो उत्तर प्रदेश में पिछले 15 सालों में वो मुख्यमंत्री नहीं बनता, जो विधायकी का चुनाव लड़ता है। इस बार दोनों दिग्गज जिनकी मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद बताई जा रही है दोनों ही चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे है।
इन दोनों की पहले बार मुख्यमंत्री बनने की बड़ी रोचक घटना रही है।
2012 तक अखिलेश सांसद थे। 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में जैसे ही समाजवादी पार्टी को बहुमत हासिल हुआ। मुलायम ने मुख्यमंत्री पद के लिए अखिलेश का नाम घोषित कर दिया। अखिलेश ने सांसद के पद से इस्तीफा दिया और प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि, एक महीने के भीतर ही उन्होंने UP विधान परिषद की सदस्यता ले ली थी। मुख्यमंत्री बनने के लिए अखिलेश ने विधायकी का कोई चुनाव नहीं लड़ा था, लेकिन अब 2022 के चुनावों में करहल विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं।
योगी आदित्यनाथ 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रमुख प्रचारक थे। गोरखपुर से सांसद थे, लेकिन विधायकी का चुनाव नहीं लड़े थे। बहुमत मिलते ही भाजपा आलाकमान ने मुख्यमंत्री पद के लिए योगी आदित्यनाथ के नाम की घोषणा कर दी। हालांकि मुख्यमंत्री की उस समय की दौड़ में मौजूदा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत बहुत से नाम शामिल थे, लेकिन योगी से सब पीछे रह गए। सांसदी छोड़ योगी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कुछ ही दिनों में विधान परिषद की सदस्यता भी ले ली। अब 2022 में योगी गोरखपुर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं।