World Diabetes Day- इन तीन चीजों का रखें खास ध्यान, बिना इंसुलिन के भी कंट्रोल कर सकते हैं शुगर लेवल
भारत में ढाई करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज की समस्या के शिकार हैं, साल-दर साल यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। डायबिटीज भले ही रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने की समस्या हो पर इसका असर पूरे शरीर पर हो सकता है। किडनी, आंखों, लिवर और प्रतिरक्षा प्रणाली से संबंधित समस्याएं डायबिटीज रोगियों में काफी सामान्य मानी जाती हैं।
आज कल दुनियाभर में डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कैंसर और दिल की बीमारियों के बाद ये ऐसी एक गैर संक्रामक बीमारी है, जिसके मरीज हर साल बढ़ते जा रहे हैं। कम उम्र में ही लोग इस लाइफस्टाइल बीमारी का शिकार हो रहे हैं. डॉक्टर बताते हैं कि शरीर में शुगर लेवल बढ़ने से डायबिटीज की बीमारी होती है। ये डिजीज एक बार हो जाए तो कभी खत्म नहीं होती है। केवल इसको कंट्रोल ही किया जा सकता है।
भारत में ढाई करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज की समस्या के शिकार हैं, साल-दर साल यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। डायबिटीज भले ही रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने की समस्या हो पर इसका असर पूरे शरीर पर हो सकता है। किडनी, आंखों, लिवर और प्रतिरक्षा प्रणाली से संबंधित समस्याएं डायबिटीज रोगियों में काफी सामान्य मानी जाती हैं।
गंभीर और अनियंत्रित ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन के इंजेक्शन की आवश्यकता होती है। डायबिटीज के रोगियों में इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन प्रभावित हो जाता है, इस कमी को पूरा करने के लिए इंसुलिन के शॉट्स देने की आवश्यकता होती है। हालांकि कुछ अध्ययनों में लंबे समय तक इंसुलिन के भी नुकसान बताए गए हैं। वैश्विक स्तर पर बढ़ते डायबिटीज के खतरे को लेकर लोगों को अलर्ट करने और इससे बचाव के लेकर आवश्यक सावधानियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 14 नबंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है।
शुगर लेवल को मेंटेन करने के लिए कई मरीज इंसुलिन भी लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिना इस इंजेक्शन के भी डायबिटीज को कंट्रोल में किया जा सकता है।
यहां पहले ये जानिये कि आखिर इंसुलिन इंजेक्शन किस प्रकार से डायबिटीज को कंट्रोल में रखने में आपके लिए सहायक है? डॉक्टर्स बताते हैं, इंसुलिन रक्त शर्करा को शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करती है ताकि इसका उपयोग ऊर्जा के लिए किया जा सके। इंसुलिन, लिवर को रक्त शर्करा को स्टोर करने के लिए भी संकेत देती है, जिससे इसका बाद में भी इस्तेमाल किया जा सके।
डायबिटीज रोगियों में चूंकि इस हार्मोन का उत्पादन प्रभावित हो जाता है, ऐसे में बाहर से इंजेक्शन के रूप में इंसुलिन देकर इस कार्य को व्यवस्थित किया जाता है।
जीवनशैली को रखें ठीक-रोजाना करें एक्सरसाइज
टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों को ऐसी जीवनशैली का पालन करते रहने की सलाह दी जाती है जो ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में आपके लिए मददगार हो। इसके लिए शारीरिक सक्रियता, आहार, व्यायाम और अच्छी नींद बहुत आवश्यक है। मधुमेह रोगियों के लिए वजन को कंट्रोल रखना बहुत जरूरी माना जाता है। मोटापा को डायबिटीज के जोखिम कारकों में से एक माना जाता है, इससे अन्य जटिलताओं का भी खतरा हो सकता है। रोजाना एक्सरसाइज करने से शरीर में वजन भी कंट्रोल में रहता है। चूंकि मोटापा डायबिटीज का एक बड़ा कारण माना जाता है। तो ऐसे में मरीजों को सलाह है कि रोजाना कुछ न कुछ फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें। ऐसा करने से बीएमाई भी ठीक रहेगा और शुगल लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
खानपान पर ध्यान दें- संतुलित आहार का सेवन जरूरी
डायबिटीज रोगियों को खान-पान पर विशेष ध्यान देते रहने की सलाह दी जाती है। इसके लिए मीठी और अधिक कार्ब्स वाले चीजों से परहेज करना अच्छा विकल्प हो सकता है। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजों का सेवन किया जाना चाहिए। हरी पत्तेदार सब्जियां, प्रोटीन, विटामिन्स वाले फल, साबुत अनाज आदि के सेवन की आदत इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या को कंट्रोल करने में आपके लिए सहायक हो सकती है।
नियमित चेकअप कराएं-
डायबिटीज के मरीजों के लिए जरूरी है कि वह नियमित रूप से अपने शरीर का ब्लड शुगर लेवल चेक करते रहें। अगर शुगर बढ़ रही है तो ध्यान दें कि खानपान या फिर लाइफस्टाइल में क्या गलत हो रहा है। इसके लिए डॉक्टरों से सलाह भी ले सकते हैं।