अब तक 778 धार्मिक स्थलों से हटाए लाउडस्पीकर योगी सरकार एक्शन में, सबसे ज्यादा लखनऊ से

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाउडस्पीकर की आवाज परिसर के बाहर न जाने का आदेश दिया था। आदेश का असर दिखने लगा है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक्शन में है और अब तक प्रदेश में 778 धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए गए हैं और 21,140 की आवाज कम कराई गई है। जिन जगहों से सबसे ज्यादा लाउडस्पीकर हटाए गए हैं, उनमें सबसे ज्यादा जगहें लखनऊ की हैं। यहां से कुल 711 लाउडस्पीकर हटाए गए हैं।

अब तक 778 धार्मिक स्थलों से हटाए लाउडस्पीकर योगी सरकार एक्शन में, सबसे ज्यादा लखनऊ से

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद प्रदेश के कई धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतारे जाने लगे।  वो भी ऐसे समय जब देश भर में इस समय लाउडस्पीकर पर बहस छिड़ी हुई है और कई राजनेता आपस में बयानबाजी कर रहे हैं। दिल्ली के जहांगीरपुरी में धार्मिक यात्रा के दौरान हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाउडस्पीकर की आवाज परिसर के बाहर न जाने का आदेश दिया था। आदेश का असर दिखने लगा है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक्शन में है और अब तक प्रदेश में 778 धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए गए हैं और 21,140 की आवाज कम कराई गई है।

जिन जगहों से सबसे ज्यादा लाउडस्पीकर हटाए गए हैं, उनमें सबसे ज्यादा जगहें लखनऊ की हैं। यहां से कुल 711 लाउडस्पीकर हटाए गए हैं। इसी तरह आगरा जोन से 30, गौतमबुद्धनगर से 19, कानपुर जोन से 13, मेरठ जोन से 2, बरेली जोन से 1, प्रयागराज जोन से 1, वाराणसी जोन के धार्मिकस्थल से एक लाउडस्पीकर को हटाया गया। वहीं जिन जगहों से लाउडस्पीकर की आवाज कम की गई है, उसमें बरेली जोन की 5469, लखनऊ जोन की 4803, मेरठ जोन की 4711, गोरखपुर जोन की 2354, प्रयागराज की 1073, आगरा की 905, वाराणसी जोन की 887, कानपुर जोन की 359,  गौतमबुद्ध नगर की 378, वाराणसी शहर की 106, कानपुर शहर की 95 जगहें हैं। इसके अलावा लखनऊ में अभी भी पुलिस धार्मिक स्थलों पर जाकर चेक कर रही है कि कितने लाउडस्पीकर लगे हैं और उनकी आवाज मानक से ज्यादा तो नहीं है। इसके अलावा ये भी चेक किया जा रहा है कि लाउडस्पीकर की परमीशन है या नहीं है। नियम तोड़ने वालों को नोटिस दिया जा रहा है। लखनऊ के कैंसरबाग लखनऊ की रोशन अली मस्जिद में 4 लाउडस्पीकर  लगे थे, जिसमें पुलिस के नोटिस के बाद 3 को हटा लिया गया है और चौथे लाउडस्पीकर की आवाज कम कर दी गई है। 

लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी प्रवक्ता सतपाल सिंह मीत बताते हैं कि सिख समाज की सर्वोच्च संस्था अकाल तख्त ने पहले ही अपील जारी कर किसी भी गुरुद्वारा के बाहर लाउडस्पीकर न लगाए जाने के स्पष्ट निर्देश दिए थे। ऐसे में जिसको गुरुवाणी कीर्तन सुनना है वह गुरुद्वारे के अंदर आए और परिसर के नियमों का पालन करते हुए शबद कीर्तन सुने। मुफ्तीगंज काले की गली स्थित एक मिनारा मस्जिद के मुतवल्ली राहत हुसैन का कहना है कि प्रशासनिक आदेश के पालन करते हुए उनके द्वारा लाउडस्पीकर कि आवाज बहुत धीमी रखी जा रही है। वहीं कैथोलिक डायसिस ऑफ लखनऊ के चांसलर डॉ. डोनाल्ड एचआर डिसूजा के अनुसार कैथोलिक चर्च में क्रिसमस पर ही लाउडस्पीकर सार्वजनिक सामारोह के लिए मंगवाए जाते हैं। चर्च परिसर में लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं किया जाता है।

डालीगंज के मनकामेश्वर मठ मंदिर की महंत देव्यागिरि बताती हैं कि मंदिर में लाउडस्पीकर लगा है जो शिवरात्रि वार्षिकोत्सव में प्रशासनिक देख-रेख में ही संचालित किया जाता है। दैनिक आरती पूजन के लिए परिसर में सिर्फ छोटे साउंड बाक्स ही लगवाए गए हैं। वहीं गोमती नगर विजयपुर में बने गोपेश्वर महादेव मंदिर में लाउडस्पीकर उतार कर छत पर रखवा लिया गया है। मंदिर के पुजारी श्रीपाल ने बताया कि अब साउंड बाक्स से आरती की जा रही है। 

इसी सिलसिले में मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान संस्थान ने भी भागवत भवन के शिखर पर लगे लाउडस्पीकर बंद कर दिए। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान के भागवत भवन के शिखर पर लगे लाउडस्पीकरों में रोज सुबह एक से डेढ़ घंटे तक भजन बजाए जाते थे, लेकिन बुधवार को भजन नहीं सुनाई दिए।