योगी सरकार तैयार कर रही है अच्छे और खराब अफसरों की गोपनीय रिपोर्ट, कार्रवाई तय
शासन स्तर के विभागों और फील्ड में तैनात कमिश्नरों, डीएम, विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष और नगर आयुक्त की रिपोर्ट भी सीएम को भेजी जा रही है। इसी तरह पुलिस में एडीजी, आईजी, डीआईजी, पुलिस आयुक्त, एसएसपी और एसपी की भी रिपोर्ट अलग से दी जा रही है। शासन के उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि गुड गवर्नेंस के लिहाज से सीएम खुद विभिन्न विभागों के कार्यकलापों, अफसरों की परफार्मेंस और जन समस्याओं के निस्तारण आदि की निगरानी कर रहे हैं।
गुड गवर्नेंस के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर अब शासन से लेकर तहसील व थानों तक पर है। उनकी गतिविधियों पर बारीक नजर रखी जा रही है। जनसुनवाई समाधान प्रणाली (आईजीआरएस) और सीएम हेल्पलाइन 1076 में आने वाली शिकायतों के निस्तारण के आधार पर हर माह सीएम योगी को गोपनीय रिपोर्ट भेजी जा रही है। इसमें काम के आधार पर 10 अच्छे व 10 खराब की रैंकिंग तैयार की जा रही है।
यही नहीं, शासन स्तर के विभागों और फील्ड में तैनात कमिश्नरों, डीएम, विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष और नगर आयुक्त की रिपोर्ट भी सीएम को भेजी जा रही है। इसी तरह पुलिस में एडीजी, आईजी, डीआईजी, पुलिस आयुक्त, एसएसपी और एसपी की भी रिपोर्ट अलग से दी जा रही है। शासन के उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि गुड गवर्नेंस के लिहाज से सीएम खुद विभिन्न विभागों के कार्यकलापों, अफसरों की परफार्मेंस और जन समस्याओं के निस्तारण आदि की निगरानी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने जिले स्तर पर तैनात अफसरों को निर्देश दिए हैं कि तहसील, थाना और ब्लॉक स्तर पर ही शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें। इससे आम लोगों को दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ेंगी। शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही शिकायत की गुणवत्ता का आधार मानी जाएगी। योगी ने आईजीआरएस और 1076 हेल्पलाइन पर एक ही शिकायत बार-बार आने और जिले की निम्न स्तरीय शिकायतें भी शासन स्तर तक आने पर कई बार नाराजगी जाहिर की है।
सीएम योगी के निर्देश पर अच्छा काम करने वाले और शासन की अपेक्षाओं पर खरा न उतर पाने वाले विभागों व अफसरों की फेहरिस्त तैयार कराई जा रही है। इसका मूल्यांकन करने के बाद शासन की मंशा के अनुसार काम न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सहकारिता, ग्राम्य विकास, भूतत्व एवं खनिकर्म, श्रम, नगर विकास, गृह एवं गोपन, पिछड़ा वर्ग कल्याण, समाज कल्याण, सिंचाई जल संसाधन और पंचायती राज।
नियुक्ति, कार्मिक, आयुष, प्राविधिक शिक्षा, कृषि विपणन, अवस्थापना और औद्योगिक विकास, आवास एवं शहरी नियोजन, व्यावसायिक शिक्षा, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति और पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग।
प्रयागराज की सदर, महराजगंज की निचलौल, सिद्धार्थनगर की बांसी, संभल की गुन्नौर, पीलीभीत की पूरनपुर, सीतापुर की लहरपुर, उन्नाव की हसनगंज, गोरखपुर की कैंपियरगंज, लखनऊ की मोहनलालगंज और शाहजहांपुर की पुवायां तहसील शीर्ष 10 में है। सबसे खराब तहसीलों में सोनभद्र की राबर्ट्सगंज, अंबेडकरनगर की आलापुर, सोनभद्र की घोरावल, बहराइच की कैसरगंज, सोनभद्र की दुद्धी, वाराणसी की राजा तालाब, लखीमपुर की धौरहरा, अमेठी की गौरीगंज, गाजीपुर की कासिमाबाद तथा कन्नौज में कन्नौज तहसील है।
10 सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले थानों में लखीमपुर खीरी, कौशांबी, बुलंदरशहर, महराजगंज, श्रावस्ती व संभल के महिला थाने, सोनभद्र में माछी, लखीमपुर में चंदन चौकी, वाराणसी में महिला थाना बड़ागांव और इटावा में भरेह शामिल हैं। वहीं, सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले थानों में आगरा में बसई अरेला, मनसुखपुरा, सोनभद्र में रामपुर बर्कोनिया, गौतमबुद्धनगर में थाना सेक्टर 113, शाहजहांपुर में परौर, गाजीपुर में शादियाबाद, बलिया में फेफना, प्रयागराज में सिविल लाइंस, बहरिया और मउआइमा हैं।
जुलाई में आईजीआरएस और हेल्प लाइन पर आने वाली शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में अमरोहा, प्रयागराज, संतकबीरनगर, बागपत, शाहजहांपुर, महराजगंज, फर्रूखाबाद, मेरठ, इटावा और शामली सबसे अच्छे जिले रहे। बाकी जिलों में स्थिति बहुत संतोषजनक नहीं हैं।
शीर्ष पांच कमिश्नरी में मिर्जापुर, सहारनपुर, झांसी, अयोध्या और गोरखपुर हैं। टॉप 5 विकास प्राधिकरणों में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बस्ती, वाराणसी और गाजियाबाद हैं। पांच सबसे अच्छे नगर निगम में प्रयागराज, शाहजहांपुर, गाजियाबाद, झांसी तथा फिरोजाबाद हैं।
एडीजी और आईजी स्तर पर टॉप थ्री जोन में सबसे ऊपर आगरा, कानपुर और लखनऊ हैं। आईजी और डीआईजी स्तर पर शीर्ष पांच में आगरा, चित्रकूट, सहारनपुर, मेरठ और कानपुर हैं। पुलिस आयुक्त, एसएसपी और एसपी स्तर पर शीर्ष 10 जिलों में प्रयागराज, गाजियाबाद, शाहजहांपुर, मेरठ, बिजनौर, जालौन, फर्रुखाबाद, ललितपुर, अलीगढ़ और संभल हैं।
जानकारी के लिए फिर से बता दे कि जनसुनवाई समाधान प्रणाली (आईजीआरएस) और सीएम हेल्पलाइन 1076 में आने वाली शिकायतों के निस्तारण के आधार पर हर माह सीएम योगी को गोपनीय रिपोर्ट भेजी जा रही है। इसमें काम के आधार पर 10 अच्छे व 10 खराब की रैंकिंग तैयार की जा रही है। योगी सरकार के इस कदम से आने वाले समय में शाशन तंत्र के और बेहतरीन काम करने की उम्मीद जताई जा रही है।