कब है बड़ा मंगल? क्यों है इतना महत्वपूर्ण, जानें महत्व, पूजा और उपाय
हिंदू धर्म में सभी मंगलवार हनुमान जी को समर्पित हैं. इसमें ज्येष्ठ महीने के मंगलवार विशेष हैं. इसलिए इन्हें बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहा जाता है. साल 2023 में 4 बड़ा मंगल पड़ रहे हैं. यह चारों बुढ़वा मंगलवार बजरंगबली को समर्पित करने के लिए विशेष हैं. बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा करने वाले भक्तों के सारे दुख-दर्द दूर हो जाते हैं और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं. माना जाता है बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा करने वाले लोगों की रक्षा खुद हनुमान जी करते हैं.
ज्येष्ठ माह के बड़ा मंगल का संबंध महाभारत और रामायण से जुड़ा है. मान्यता है कि इस दिन बजरंगबली को चोला चढ़ाने, दान पुण्य करने से हर तरह की बाधा दूर हो जाती है. हनुमान जी को चिरंजीवी कहा जाता है, बड़ा मंगल के दिन भक्त श्रद्धा और भक्ति के साथ उन्हें याद करता है तो वे उसे बचाने के लिए दौड़े चले आते हैं. आर्थिक, मानसिक और शारीरिक पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए इस दिन संकटमोचन की व्रत-पूजा अचूक मानी गई है.
बुढ़वा मंगल का महत्व:
बुढ़वा मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा अर्चना और व्रत आदि का विशेष महत्व है. इस दिन विधि विधान से हनुमान जी की पूजा करना बहुत कल्याणकारी माना गया है. गौरतलब है कि प्रेत बाधा, दुखों और कष्टों से निवारण के लिए इस दिन हनुमान जी के बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए. हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से मनुष्य के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले बड़े मंगलवार को कई मंदिरों में भंडारे भी करवाए जाते हैं. मान्यता है कि बुढ़वा मंगल के दिन जो भक्त बजरंगबली की पूजा और व्रत करता है, उसके जीवन की नकारात्मकता दूर होने के साथ ही सुख-समृद्धि का आगमन होता है. बता दें कि इस दिन दान दक्षिणा का भी विशेष महत्व माना गया है. पुराणों के अनुसार महाभारत काल में जब भीम को अपने बल का घमंड हो गया था तो ज्येष्ठ मास के मंगलवार को बजरंगी ने बूढ़े वानर का रूप धारण करके भीम के अभिमान को दूर किया था, तभी से इसे मंगल को बुढ़वा मंगल कहा जाने लगा. ऐसी मान्यता है कि इसी माह में मंगलवार को वन में विचरण करते हुए श्री राम जी से हनुमान जी का मिलन विप्र रूप में हुआ था. बुढ़वा मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा अर्चना और व्रत आदि का विशेष महत्व है. इस दिन विधि विधान से हनुमान जी की पूजा करना बहुत कल्याणकारी माना गया है. गौरतलब है कि प्रेत बाधा, दुखों और कष्टों से निवारण के लिए इस दिन हनुमान जी के बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए. हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से मनुष्य के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले बड़े मंगलवार को कई मंदिरों में भंडारे भी करवाए जाते हैं.
बड़ा मंगल पर ऐसे करें पूजा : ज्येष्ठ माह के बड़ा मंगल के दिन बजरंगबली को चोला चढ़ाएं, गुड़-चना अर्पित करें. हनुमान चालीसा का पाठ करें. ऐसा करने से हनुमान जी बहुत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की हर पीड़ा दूर करते हैं. साथ ही मनोकामना भी पूरी करते हैं. बड़ा मंगल के दिन लाल कपड़े पहनकर बजरंग बाण का पाठ करना और व्रत रखना बहुत लाभ देता है.
1- बुढ़वा मंगल के दिन ब्रह्ममुहूर्त में ही स्नानादि कर लेना चाहिए.
2- इसके बाद हनुमानजी को लाल रंग का चोला चढ़ाना चाहिए.
3- चोला चढ़ाते समय हनुमान जी के समक्ष चमेली के तेल का दीपक जलाना शुभ होता है.
4- इसके बाद बजरंगबली जी पर गुलाब की माला अर्पित करनी चाहिए.
5- इसके बाद हनुमान जी की मूर्ति के दोनों कंधों पर थोड़ा-थोड़ा केवड़े का इत्र लगाना चाहिए.
6- इसके बाद पान के पत्ते पर जरा सा गुड़ और चना रखकर बजरंगबली को भोग लगाना चाहिए
बड़ा मंगल 2023 डेट (Bada Mangal 2023 Date)
- ज्येष्ठ का पहला बड़ा मंगल - 09 मई 2023
- ज्येष्ठ का दूसरा बड़ा मंगल - 16 मई 2023
- ज्येष्ठ का तीसरा बड़ा मंगल - 23 मई 2023
- ज्येष्ठ का चौथा बड़ा मंगल - 30 मई 2023
पौराणिक कथाओं के अनुसार
हनुमान जी ऐसे देव है जो अभी भी पृथ्वी पर अभी भी जीवित हैं। वे अपने आराध्य भगवान श्रीराम की आज्ञा का पालन करते हुए आज भी पृथ्वी पर ही जीवित रहते हुए अपने भक्तों का कल्याण करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं।
बुढ़वा मंगल मंत्र :
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमित विक्रमाय
प्रकटपराक्रमाय महाबलाय सूर्य कोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।