अडानी-हिडेनबर्ग विवाद: कीमतों में हेरफेर ( price manipulation ) का कोई सबूत नहीं।
अडानी समूह को बड़ी राहत, यूएस शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा कंपनी पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति ने पाया है कि यह निष्कर्ष निकालना संभव नहीं था कि स्टॉक मूल्य हेरफेर के आरोपों पर नियामक विफलता हुई है या नहीं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित एक्सपर्ट कमेटी को ग्रुप के खिलाफ जांच में कोई सबूत नहीं मिले हैं। सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अडानी ग्रुप द्वारा शेयर की कीमत में मैनिपुलेशन के कोई सबूत नहीं मिले हैं। जांच कमेटी ने सेबी की 4 रिपोर्टस का हवाला दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक, ये रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा की गई है। साथ ही एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट ने कहा है कि अडानी ग्रुप ने स्टॉक एक्सचेंज को सभी जरूरी जानकारियां दी थीं। ग्रुप के शेयर पहले से ही एडिशनल सर्विलांस Measures की निगरानी में थे। आपको बता दें कि SEBI ने भी ED को जो रिपोर्ट दी है उसमें अडानी ग्रुप पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है। यह अडानी ग्रुप के लिए बड़ी राहत की खबर है।
आपको बता दें कि अमेरिकी वित्तीय शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग ने इस साल जनवरी में अडाणी समूह पर आरोप लगाया था कि साइप्रस और मॉरीशस स्थित इनमें से कुछ कोष अडानी से जुड़े थे, जिनका इस्तेमाल समूह की कंपनियों शेयरों के भाव में गड़बड़ी करने में किया गया। हालांकि, अडाणी समूह ने सभी आरोपों से इनकार किया था। उसके बाद जांच कमेटी गठित की गई थी।
अडानी और हिंडनबर्ग कौन हैं?
पश्चिमी भारत में गुजरात के गौतम अडानी ने कमोडिटी ट्रेडर के रूप में शुरुआत करने के बाद अपना साम्राज्य खड़ा किया। भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी उसी राज्य से हैं और उनके संबंध लंबे समय से मोदी के विरोधियों द्वारा जांच के दायरे में हैं। एक स्कूल ड्रॉप-आउट, अडानी एशिया का सबसे अमीर आदमी बन गया, जिसका 220 बिलियन डॉलर का साम्राज्य बंदरगाहों, बिजली उत्पादन, हवाई अड्डों, खनन, खाद्य तक फैला हुआ है। तेल, नवीकरणीय, मीडिया और सीमेंट।
नाथन एंडरसन द्वारा 2017 में स्थापित, हिंडनबर्ग रिसर्च एक फोरेंसिक वित्तीय शोध फर्म है जो इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव का विश्लेषण करती है। इसका कॉर्पोरेट गलत कामों को खोजने और कंपनियों के खिलाफ दांव लगाने का ट्रैक-रिकॉर्ड है।
अडानी की कंपनियों के बारे में हिंडनबर्ग का नज़रिया और अडानी की प्रतिक्रिया क्या है?
रिपोर्ट में कहा गया था कि अडानी की प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों पर काफी कर्ज है और वे जरूरत से ज्यादा कर्ज में डूबी हुई हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि उच्च अल्पकालिक देनदारियों के कारण समूह को तरलता जोखिम का सामना करना पड़ रहा है, सात प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों में से पांच ने 1 से नीचे "वर्तमान अनुपात" दर्ज किया है, जो निकट अवधि के तरलता दबाव का संकेत देता है।अडानी ने यह कहते हुए प्रतिक्रिया दी थी कि उनकी कंपनियों का उत्तोलन अनुपात स्वस्थ बना हुआ है और संबंधित क्षेत्रों के उद्योग के बेंचमार्क के अनुरूप है, आगे यह कहते हुए कि यह जानकारी सार्वजनिक रूप से नियमित रूप से प्रकट की जाती है।
सेबी को तीन महीने का वक्त दिया गया सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को गौतम अडानी की अगुवाई वाले समूह द्वारा शेयर मूल्यों में हेराफेरी करने के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए तीन महीने यानी 14 अगस्त तक का समय दिया है।भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सेबी को गौतम अडानी की अगुवाई वाले समूह पर लगे शेयर मूल्यों में हेराफेरी के आरोपों की जांच पर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया। आपको बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने दो मार्च को, गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह द्वारा शेयर मूल्यों में हेराफेरी करने के आरोपों की जांच करने के लिए छह सदस्यीय समिति बनाने का आदेश दिया था। कारोबारी समूह पर यह आरोप अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में लगाए थे। उच्चतम न्यायालय अडाणी हिंडनबर्ग विवाद मामले पर 11 जुलाई को आगे की सुनवाई करेगा। पीठ ने कहा ‘‘सेबी को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए दिया गया समय 14 अगस्त 2023 तक बढ़ाया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप को राहत मिलने के बाद ग्रुप कंपनियों के शेयरों में उछाल देखने को मिल रहा है। शेयर बाजार में लिस्टेड 10 कंपनियों में से सिर्फ 1 में गिरावट बल्कि 9 में तेजी देखने को मिल रही है। अडानी इंटरप्राइजेट 2.20 फीसदी की तेजी के साथ 1931.60 रुपये पर कारोबार कर रहा है। वहीं, अडानी पावर में 3.27 की तेजी देखने को मिल रही है। अडानी ट्रांसमिशन, अडानी विल्मर, अंबुजा सीमेंट, एनडीटीवी में भी अच्छी तेजी देखने को मिल रही है।