BJD के समर्थन के बाद इतिहास रचने को तैयार राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू

बीजेडी अध्यक्ष व ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य विधानसभा के सभी सदस्यों से अनुरोध किया कि वे 18 जुलाई को होने वाले चुनाव में 64 वर्षीय मुर्मू का साथ दें.

BJD के समर्थन के बाद इतिहास रचने को तैयार राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू

ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजेडी) का समर्थन मिलने के बाद NDA की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के निर्वाचन का रास्ता और भी आसान हो गया है. नवीन पटनायक की पार्टी का समर्थन मिलने के साथ ही ओडिशा के संथाल समुदाय से ताल्लुक रखने वाली मुर्मू के पास करीब 52 फीसदी वोट (करीब 5,67,000 वोट) हो गए हैं. 

अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अब पूरी तस्वीर साफ हो गई है। NDA ने ओडिशा की आदिवासी नेता और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। जबकि विपक्ष ने पूर्व वित्तमंत्री और पुराने भाजपाई यशवंत सिन्हा पर दांव खेला है। अब राष्ट्रपति चुनावों को लेकर राज्यों से मिलने वाले वोटों के गणित को देखें तो द्रौपदी मुर्मू के सामने यशवंत सिन्हा कमजोर दिखाई दे रहे हैं। वोट पड़ने के पहले ही चुनावी गणित के लिहाज से वह रेस से बाहर होते दिख रहे हैं। 

उत्तर प्रदेश राज्य के विधायकों के वोट का मूल्य 208 है। यहां 80 लोकसभा सदस्य, 31 राज्यसभा सदस्य और 403 विधायक हैं। इस तरह लोकसभा सदस्यों के मतों का कुल मूल्य 56,000 होता है। लोकसभा सदस्यों में सर्वाधिक 62 सांसद बीजेपी के हैं। बसपा के पास दस, सपा के पास तीन और कांग्रेस के पास सिर्फ एक सांसद है। इसी प्रकार राज्यसभा की 31 सीटों का कुल मूल्य 21,700 होता है। 25 सीटों के साथ बीजेपी सबसे आगे है। सपा के पास पांच और बसपा के पास एक सांसद है।

वहीं इस पूरे घटनाक्रम से प्रभावित हुए बगैर विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का कहना है कि यह विचारधारा की लड़ाई है और देश को ‘रबड़-स्टांप राष्ट्रपति’ की जरूरत नहीं है.

बीजेडी अध्यक्ष व ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य विधानसभा के सभी सदस्यों से अनुरोध किया कि वे 18 जुलाई को होने वाले चुनाव में 64 वर्षीय मुर्मू का साथ दें. फिलहाल इटली की यात्रा पर गए पटनायक ने मुर्मू को ओडिशा की बेटी बताते हुए उनका समर्थन करने की अपील की.

वहीं, बुधवार सुबह भुवनेश्वर रवाना होने से पहले मुर्मू ने ओडिशा के मयूरभंज जिले के आदिवासी बहुल रायरंगपुर में शिवमंदिर में तड़के झाडू लगाया. झारखंड के राज्यपाल पद से अगस्त, 2021 में सेवानिवृत्त होने के बाद तड़के मंदिर में झाड़ू लगाना मुर्मू की दिनचर्या का हिस्सा बन गया था.