शौक़ीन दुल्हन ने शादी में ज्वेलरी कम लाने पर लौटाई बारात, दूल्हा पहुंचा थाने बोला- लड़की वालों ने की ज्यादा दहेज मांग
हमारी तरफ से जो भी उपहार के रूप में साड़ियां, शर्ट-पैंट और लड़की के लिए जेवर लाए गए थे, वे सब सामने रख दिए गए। बस यहीं पर बात बिगड़ गई। लड़की कम दहेज और कम जेवर लाने पर ऐतराज जताने लगी। वह कहने लगी कि इतने कम दहेज में मैं शादी नहीं करूंगी। कृष्ण मुरारी ने बताया, दुल्हन को दहेज मांगता देख मंडप में बैठे लोग भी सन्न रह गए। मेरे परिवार के लोगों ने उसे काफी समझाया, लेकिन लड़की नहीं मानी। लड़की के भाई और भाभी ने भी उसका समर्थन किया।
यूँ तो शादी ब्याह में छोटे मोटे झगडे और बारात लौटने की घटनाये तो होती रहे है लेकिन जब दुल्हन बारात वापस लौटाती है तो वर पक्ष चर्चा का विषय बन जाता है ऐसा ही कुछ हुवा उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में एक दुल्हन ने वरमाला के बाद शादी से इनकार कर दिया। लड़के वालों का कहना है कि शादी में कम जेवर लाने पर लड़की ने फेरे लेने से मना कर दिया। इसके बाद लड़का थाने पहुंचा और पुलिस से कहा कि लड़की वाले हम लोगों से दहेज मांग रहे हैं।
पुलिस ने दोनों पक्षों को थाने में बैठाकर बातचीत की, लेकिन दुल्हन नहीं मानी। आखिर में समझौते के बाद बारात बिना दुल्हन के लौट गई। मामला सिकंदरा थाना क्षेत्र एक गांव का है। शादी 29 अप्रैल को थी।
मानपुर गांव के लाला राम के बेटे कृष्ण मुरारी की शादी सिकंदरा थाना क्षेत्र के गांव में तय हुई थी। कृष्ण मुरारी ने बताया, "शादी बिना किसी दान-दहेज के तय हुई थी। जब बातचीत शुरू हुई थी, तब लड़की वालों ने हमसे कोई उपहार और जेवर की मांग नहीं की थी।''
उसने बताया, ''29 अप्रैल हम लोग बैंड-बाजे के साथ बारात लेकर लड़की वालों के दरवाजे पहुंचे। उस समय हमारा खूब आदर-सत्कार किया गया। बारातियों को अच्छे से नाश्ता कराया गया। उसके बाद हम लोग नाचते-गाते द्वारचार स्थल तक पहुंचे।''
कृष्ण मुरारी के मुताबिक, द्वारचार की रस्म भी हंसी-खुशी पूरी हो गई। उसके बाद सभी बारातियों को खाना खिलाया गया। खाने के दौरान ही मुझे वरमाला के लिए स्टेज पर बुलाया गया। वहां पर भी लड़की ने कुछ नहीं कहा और हम दोनों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई।
उसके बाद लड़की को स्टेज से अंदर भेज दिया गया। फिर हम दोनों को खाने पर बुलाया गया। लड़की ने मेरे साथ खाना भी खाया। उसके बाद मुझे जनवासे भेज दिया गया और लड़की भी अपने कमरे में चली गई। रात करीब 2 बजे हम दोनों को मंडप में सिंदूर चढ़ाने और सात फेरों की रस्म के लिए बुलाया गया।
उसने बताया, हम दोनों लोग मंडप में बैठ गए। उसके बाद हमारी तरफ से जो भी उपहार के रूप में साड़ियां, शर्ट-पैंट और लड़की के लिए जेवर लाए गए थे, वे सब सामने रख दिए गए। बस यहीं पर बात बिगड़ गई। लड़की कम दहेज और कम जेवर लाने पर ऐतराज जताने लगी। वह कहने लगी कि इतने कम दहेज में मैं शादी नहीं करूंगी।
कृष्ण मुरारी ने बताया, दुल्हन को दहेज मांगता देख मंडप में बैठे लोग भी सन्न रह गए। मेरे परिवार के लोगों ने उसे काफी समझाया, लेकिन लड़की नहीं मानी। लड़की के भाई और भाभी ने भी उसका समर्थन किया।
वे लोग कहने लगे कि अब शादी तो तभी होगी जब और जेवर लाओगे, नहीं तो बारात वापस ले जाओ। इसके बाद करीब 2 घंटे तक मान मनौवल होती रही। दोनों परिवारों के लोग बातचीत करते रहे।
बिना दुल्हन लिए लौट गया दूल्हा जब किसी भी तरह बात नहीं बनी, तो दूल्हा पक्ष बारातियों को लेकर सिकंदरा थाने जा पहुंचा। दूल्हे ने पुलिस को लड़की वालों की तरफ से दहेज मांगने और शादी से इनकार करने की बात बताई। पुलिस ने लड़की पक्ष को भी थाने बुलाया।
इसके बाद दोनों को आमने-सामने बैठाकर बातचीत की गई। पुलिस ने प्रयास किया कि लड़की मान जाए और शादी हो जाए। लेकिन लड़की ने कम दहेज में शादी से इनकार कर दिया। इसके बाद सिकंदरा थाने की पुलिस ने दोनों पक्षों का समझौता करा दिया। शाम करीब 5 बजे दूल्हा बिना दुल्हन के बारात लेकर लौट गया।"
थाना प्रभारी संजेश कुमार ने बताया ,शादी समारोह में विवाद की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि कम चढ़ावे का सामान लाने को लेकर विवाद हुआ था। दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया गया।
ना समझने पर उन्हें थाने बुलाया गया। थाने आने पर भी दोनों पक्षों को समझाया गया लेकिन बात नहीं बनी। दोनों पक्षों ने आपसी सहमति के साथ शादी के कार्यक्रम में लेन-देन का सामान वापस कर शादी न करने का समझौता कर लिया है। इसकी थाने में लिखित रूप में सूचना भी दी है।
बता दे जब मामला थाने पहुंचा लेकिन काफी समझाने के बावजूद भी बात नहीं बनी। जानकारी के मुताबिक, थाने में दोनों पक्षों को समझौते के लिए फिर से बुलाया गया। दूल्हा और दूल्हे के पिता अपने चढ़ावे के समान के साथ पुलिस स्टेशन पहुंचे जिसके बाद लड़की पक्ष के लोग भी थाने पहुंचे। लड़के के पिता लालाराम ने बताया कि बेटे की शादी के लिए लड़की देखने गए थे। इसके बाद गोद भराई की रस्म हुई थी।
लड़के के पिता ने कहा कि हमने बिना दहेज की शादी करने की बात कही थी। लड़की वालों ने बारात का स्वागत अच्छा किया। लेकिन जब आभूषण दिया गया तो जेवर कम लाने की बात कहकर शादी करने से मना कर दिया गया। इसके बाद इन लोगों ने थाने में झूठी तहरीर दी है कि हम दहेज मांग रहे हैं। मेरे जेवर लड़की वाले लौटा दे, हम उनकी अंगूठी और 5,100 रुपये लौटा देंगे। वहीं, लड़की पक्ष के लोगों ने इस बारे में कुछ भी बोलने से मना कर दिया है। थाने में घंटों चली बातचीत के बाद दोनों पक्षों का समझौता हो गया और दोनों आपसी समझौता कर अपने-अपने घर चले गए।