दोषी को तीन बार उम्रकैद की सजा, किया था बाप बेटी के रिश्ते को शर्मशार, मरते दम तक रहेगा कैद
दोषी को पॉक्सो एक्ट के तहत अपराधों के लिए तीन आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और अदालत ने निर्देश दिया कि वह मृत्यु तक कैद रहेगा. साथ ही अदालत ने उस पर 6.6 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. सरकारी वकील ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि दुष्कर्म की पहली घटना मार्च 2021 में हुई थी, जब पीड़िता घर में अकेली थी.
केरल की एक अदालत ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ बार-बार रेप करने और उसे गर्भवती करने के मामले में सोमवार को एक शख्स को तीन आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. बाप और बेटी के रिश्ते को कलंकित करने वाले इस शख्स को अब अपनी बाकी जिंदगी जेल की सलाखों के पीछे ही काटनी होगी. इस मामले के अभियोजक (एसपीपी) ए सोमसुंदरन ने कहा कि मंजेरी फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश राजेश के ने भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) एक्ट के तहत बलात्कार, गंभीर यौन उत्पीड़न और यौन हमले के साथ-साथ पीड़िता को डराने-धमकाने के लिए आरोपी को दोषी ठहराया.
सरकारी वकील ने बताया कि दोषी को पॉक्सो एक्ट के तहत अपराधों के लिए तीन आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और अदालत ने निर्देश दिया कि वह मृत्यु तक कैद रहेगा. साथ ही अदालत ने उस पर 6.6 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. सरकारी वकील ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि दुष्कर्म की पहली घटना मार्च 2021 में हुई थी, जब पीड़िता घर में अकेली थी. तब लड़की उम्र 15 वर्ष थी और कोविड महामारी के कारण ऑनलाइन कक्षाएं कर रही थी. जब वह पढ़ रही थी, इस दौरान आरोपी पिता ने उसे अपने बेडरूम में खींच लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया.
एसपीपी ए सोमसुंदरन ने कहा कि जब पीड़िता ने इसका विरोध किया तो उसके बाप ने उसकी मां को जान से मारने की धमकी दी. इसके बाद दोषी शख्स ने अक्टूबर 2021 तक अपनी बेटी के साथ कई बार रेप किया. ये शख्स पहले एक मदरसे में शिक्षक था. नवंबर 2021 में जब कक्षाएं फिर से शुरू हुईं, तो पीड़िता स्कूल जाने लगी और उस दौरान पेट में कुछ दर्द हुआ. जिसके लिए उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया, लेकिन कुछ पता नहीं चला. जब उसने जनवरी 2022 में फिर से दर्द की शिकायत की, तो उसे एक सरकारी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. जहां पता चला कि लड़की गर्भवती थी. उसके बाद लड़की ने इस पूरे मामले का खुलासा किया.
लड़की की आपबीती सुनने के बाद लोगों ने पुलिस को मामले की जानकारी दी और मामला दर्ज किया गया. इसके बाद आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं, मेडिकल जांच के आधार पर पीड़िता का गर्भ समाप्त कर दिया गया. इस दौरान पुलिस ने भ्रूण, लड़की और उसके पिता के डीएनए नमूने एकत्र किए. डीएनए जांच में पिता ही अपराधी निकला.
सरकारी वकील ने कहा कि पीड़िता और उसकी मां के बयानों के साथ डीएनए जांच के सबूत आरोपी को दोषी ठहराने में महत्वपूर्ण साबित हुए. वहीं, मामले की जांच करने वाले अधिकारी ने कहा कि इस मामले की तेजी से जांच की गई और यह सुनिश्चित किया गया कि आरोपी जमानत पर बाहर न आए और पीड़ित या गवाहों को प्रभावित न कर सके.