Har Ghar Tiranga- 500 करोड़ के बिक गए झंडे, 10 लाख लोगों को मिला रोजगार
'हर घर तिरंगा कैंपेन ने भारतीय कारोबारियों की क्षमता को दर्शाया है, जिन्होंने तिरंगे की अभूतपूर्व मांग को पूरा करते हुए करीब 20 दिनों के रिकॉर्ड समय में 30 करोड़ से अधिक झंडों का निर्माण किया.'
देशभर में भारतीय तिरंगा फहराने के लिए एक नए जोश के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए हर घर तिरंगा अभियान ने लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत की पहल को बढ़ावा दिया है. ‘हर घर तिरंगा’ कैंपेन 22 जुलाई को लॉन्च हुआ था. इसमें लोगों को अपने घरों पर तीन दिन-13 से 15 अगस्त तक तिरंगा फहराने को कहा गया था. देश की आजादी के 75वें वर्ष का जश्न मनाने के लिए पीएम मोदी ने मार्च 2021 में आजादी के अमृत महोत्सव का ऐलान किया था. ‘हर घर तिरंगा’ भी इसी कैंपेन का हिस्सा था.
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स का कहना है कि राष्ट्रभक्ति और स्व-रोजगार से जुड़े इस अभियान ने पूरे देश में लोगों के बीच देशभक्ति की एक अद्भुत भावना और कोऑपरेटिव व्यापार की बड़ी संभावनाएं पैदा हो रही हैं. तिरंगा के प्रति लोगों के समर्पण और उत्साह को देखते हुए कैट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस वर्ष के 15 अगस्त 2022 से 15 अगस्त 2023 तक की अवधि को भारत की स्वतंत्रता के समाप्त होने पर स्वराज वर्ष के रूप में घोषित करने की अपील की है.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने एक संयुक्त बयान में कहा, 'हर घर तिरंगा कैंपेन ने भारतीय कारोबारियों की क्षमता को दर्शाया है, जिन्होंने तिरंगे की अभूतपूर्व मांग को पूरा करते हुए करीब 20 दिनों के रिकॉर्ड समय में 30 करोड़ से अधिक झंडों का निर्माण किया.' पिछले 15 दिन में CAIT और देश के विभिन्न व्यापारी संगठनों ने 3000 से ज्यादा तिरंगा समारोह आयोजित किए हैं.
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा फ्लैग कोड में पॉलिएस्टर और मशीनों से झंडे बनाने की अनुमति में किए गए बदलाव ने भी देश भर में झंडों की आसान उपलब्धता में बहुत योगदान दिया है. पहले भारतीय तिरंगे को केवल खादी या कपड़े में बनाने की अनुमति थी. देश में 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया, जिन्होंने अपने घर में या छोटे स्थानों पर स्थानीय दर्जी की सहायता से बड़े पैमाने पर तिरंगा झंडा बनाया.