फार्मा कंपनी का 35 लाख रुपया लेकर भाग रहा था मैनेजर, पुलिस ने धर दबोचा

मैनेजर जितेंद्र डीलरों से मिलीभगत कर स्टाक में रखी दवाइयों को एक्सपायरी बताकर कंपनी के दस्तावेजों में हेरफेर करता था। जालसाजी कर कंपनी से गबन किया हुआ 35 लाख रुपया बैग में भरकर भाग रहे मैनेजर जितेंद्र को कृष्णा नगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मैनेजर कंपनी का रुपया लेकर दिल्ली जा रहा था।

फार्मा कंपनी का 35 लाख रुपया लेकर भाग रहा था मैनेजर, पुलिस ने धर दबोचा

देश की नामचीन अरिस्टो फार्मास्युटिकल कंपनी के मैनेजर ने कंपनी के ही रुपये गबन कर लिए। जालसाजी कर कंपनी से गबन किया हुआ 35 लाख रुपया बैग में भरकर भाग रहे मैनेजर जितेंद्र को कृष्णा नगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मैनेजर कंपनी का रुपया लेकर दिल्ली जा रहा था। इस बीच सूचना मिलते ही केसरी खेड़ा फाटक के पास से इंस्पेक्टर कृष्णा नगर विक्रम सिंह और उनकी टीम ने उसे धर दबोचा। 

सूचना मिलते ही केसरी खेड़ा फाटक के पास से उसे धर दबोचा। कंपनी का हेड आफिस मुंबई अंधेरी वेस्ट, शाह इंडस्ट्रियल एस्टेट, वीरा देसाई रोड पर है। कंपनी के निदेशक रंजीत शर्मा की तहरीर पर पुलिस ने आरोपित जितेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपित जितेंद्र केसरीखेड़ा का रहने वाला है।

कंपनी के निदेशक रंजीत शर्मा ने बताया कि उनके हर राज्य में आफिस हैं। यहां ट्रांसपोर्ट नगर में उनकी ब्रांच है। मैनेजर जितेंद्र डीलरों से मिलीभगत कर स्टाक में रखी दवाइयों को एक्सपायरी बताकर कंपनी के दस्तावेजों में हेरफेर करता था। इसके बाद कंपनी से रुपया ले लेता था। कंपनी को लगातार घाटा हो रहा था।

इस कारण इंटरनल जांच कराई गई। जांच में जितेंद्र की भूमिका संदिग्ध पाई गई। इस बीच जालसाजी की जानकारी कंपनी के एक स्टाफ से हुई। स्टाफ ने बताया कि जितेंद्र कंपनी से रविवार रात बैग में रुपये लेकर निकला है। उसे दिल्ली जाना है। इसकी सूचना पर मुंबई से लखनऊ आया। कृष्णा नगर पुलिस को जानकारी दी। सुबह टीम ने उसे धर दबोचा।

कंपनी के निदेशक रंजीत शर्मा ने बताया कि जितेंद्र इसके पहले उनके गुजरात स्थित आफिस में मैनेजर था। वहां ठीक से काम करता था। तीन साल पहले वह लखनऊ आया। यहां उसने जालसाजी शुरू कर दी। तीन साल में करोड़ों रुपये का जितेंद्र ने गबन किया है। इसकी जांच की जा रही है।

पुलिस की पूछताच में जितेंद्र ने बताया कि यह हेरफेर कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर के कहने पर करता था। पूछताछ में उसने कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर का नाम बताया। उन्हीं के जरिए वह गलत बिल भी पास करा लेता था। इंस्पेक्टर कृष्णा नगर ने बताया कि कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है। कंपनी के कुछ और लोगों की भी भूमिका संदिग्ध है। जांच में जो भी तथ्य आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।