नितिन गडकरी के पास है हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली कार जानिए क्या है खासियत और कीमत
नितिन गडकरी के पास है हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली कार जानिए क्या है खासियत और कीमत. जान कर आपको हैरानी हो सकती है केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी हाल ही में हाइड्रोजन से चलने वाली Hydrogen Car ली है.
पेट्रोल-डीजल महंगा होने के कारण लोग अब दूसरे ईंधन के दूसरे विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं. इनमें CNG और Electric Vehicles शामिल हैं.
आपको बता दे आज एक ऐसा भी most advanced ईंधन है जिसका उपयोग वर्तमान समय मे रॉकेट को अंतरिक्ष में पहुंचाने के लिए इस्तेमाल होता है, लेकिन अब इस हाइड्रोजन इंर्धन को कारों में भी वैकल्पिक fuel के रूप में उपयोग होने लगा है. हालांकि इस फ्यूल के लिए आपको मंहगा होने की वजह से जेब कुछ ज्यादा ढीली करनी पड़ती है. लेकिन इससे पर्यावरण सुरक्षित रहता है. इसका नाम है Hydrogen Fuel.
जान कर आपको हैरानी हो सकती है केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी हाल ही में हाइड्रोजन से चलने वाली Hydrogen Car ली है.
जानिए कुछ इसके बारे में
हाइड्रोजन कारों में हाइड्रोजन फ्यूल का इस्तेमाल होता है. यह आमतौर पर रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन कुछ वाहनों में भी इनका इस्तेमाल हो रहा है. ऐसा मानना है कि भविष्य में यह ईंधन ऑटोमोबाइल क्षेत्र में क्रांति ला देगा.
क्या होता है यह फ्यूल
जीवाश्म ईंधन की तरह हाइड्रोजन आमतौर पर किसी प्राकृतिक भंडार में नहीं मिलती है. इसे नेचुरल गैस या बायोमास या पानी के जरिये इलेक्ट्रोलाइज्ड करके बनाया जाता है. हाइड्रोजन पावर का सबसे बड़ा लाभ है कि इससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी होती है. खासकर जब पानी को हाइड्रोजन में परिवर्तित करने के लिए अक्षय बिजली या रिन्यूवेबल इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग करके गैस का उत्पादन किया जाता है.
कितनी कीमत और क्या average देती है हाइड्रोजन कार
हाइड्रोजन फ्यूल की सेल कारों से पारंपरिक ईंधन वाली कारों की तुलना में उत्सर्जन भी काफी कम और स्वच्छ स्तर का होता है. क्योंकि वे पारंपरिक दहन इंजनों से जुड़ी ग्रीनहाउस गैसों की अधिकता के बजाय सिर्फ पानी और कुछ ताप का उत्सर्जन करते हैं. कुछ देशों में हाइड्रोजन फ्यूल वाले वाहनों पर कम टैक्स लगता है. एक बार इसका टैंक भरवाने पर 482 किमी से लेकर 1000 किमी तक की दूरी तय की जा सकती है.
कई देशों में अब हाइड्रोजन कार उपलब्ध हैं. इन्हें भारत में भी मंगाया जा सकता है. जैसे टोयोटा मिराई, हुंडई नेक्सो और होंडा क्लारिटी. एक रिपोर्ट के मुताबिक इनकी कीमत 37 लाख रुपये के आसपास से शुरू होती हैं.
हाइड्रोजन फ्यूल के जितने लाभ हैं, उतनी ही चुनौतियां भी हैं. इसमें सबसे बड़ी चुनौती है कि इसका उत्पादन काफी महंगा है. यह मुख्य रूप से उत्प्रेरक या कैटेलिस्ट के लिए आवश्यक प्लैटिनम जैसे दुर्लभ पदार्थों की कीमत के कारण होता है. शुरुआत में फ्यूल सेल डिजाइन भी कम तापमान पर काम नहीं कर पा रहे थे. लेकिन अब तकनीक से इस समस्या को दूर कर दिया है. फ्यूल सेल की लाइफ भी अन्य वाहनों की तुलना में ठीक है.
हाइड्रोजन वाहनों के लिए अभी फिलिंग स्टेशन की कमी है. ब्रिटेन जैसे देशों में भी अभी ये काफी कम संख्या में उपलब्ध हैं. हाइड्रोजन फ्यूल पेट्रोल और डीजल के मुकाबले महंगा होता है. लेकिन यह पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता है. हाइड्रोजन गैस अत्यंत ज्वलनशील होती है. ऐसे में जब फ्यूल टैंक में इसे पूरा भरा जाता है तो वाहन चलाने के दौरान हादसा होने का खतरा रहता है. इसलिए इस फ्यूल टैंक काफी मजबूत बनाया जाता है. इससे भी इन वाहनों की कीमत बढ़ जाती है.