प्लानिंग लाइव हत्या की थी, नूपुर शर्मा के बयान के बाद कुछ बड़ा करना चाहते थे कन्हैया लाल के हत्यारे

दोनों हत्यारे उनकी लाइव हत्या करना चाहते थे ताकि इनकी इस हरक़त से एक समुदाय में दहशत फैल सके. इस दौरान हमलावरों को लेकर कई खुलासे हुए हैं. जांच करने वाली टीम को पता चला है कि जिन हमलावरों ने उदयपुर में टेलर की हत्या की थी वो पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर काम करते थे.

प्लानिंग लाइव हत्या की थी, नूपुर शर्मा के बयान के बाद कुछ बड़ा करना चाहते थे कन्हैया लाल के हत्यारे

उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की हत्या की जांच जारी है. उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या के मामले में जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि दोनों हत्यारे उनकी लाइव हत्या करना चाहते थे ताकि इनकी इस हरक़त से एक समुदाय में दहशत फैल सके. इस दौरान हमलावरों को लेकर कई खुलासे हुए हैं. जांच करने वाली टीम को पता चला है कि जिन हमलावरों ने उदयपुर में टेलर की हत्या की थी वो पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर काम करते थे. जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि कातिल गौस मोहम्मद साल 2014 में पाकिस्तान में दावते इस्लामिक के जलसे में भी शामिल हुआ था. टेलर की हत्या करने वाले दोनों आरोपी नूपुर शर्मा के बयान के बाद से ही कुछ बड़ा करने की प्लानिंग कर रहे थे.

कन्हैया लाल मर्डर केस में चल रही जाँच में हुए कई अहम खुलासे-

    उदयपुर में कन्हैया लाल मर्डर के मामले में SIT की जांच जारी है. पड़ताल में कई चौंका देने वाले तथ्यों का पता चला है कि हत्यारे नूपुर शर्मा के बयान के बाद से ही कुछ बड़ा करने की तैयारी कर रहे थे.

    दोनों हत्यारे कन्हैया लाल की लाइव हत्या करना चाहते थे ताकि इनकी इस हरक़त से एक समुदाय में दहशत फैल सके और ये अपने धर्म का हीरो बन जाए.

    कन्हैया लाल की हत्या के लिए रियाज और गौस मोहम्मद ने कई बार रेकी की थी. 

    साल 2014 में हत्यारा ग़ौस मोहम्मद 30 लोगों के दल के साथ पाकिस्तान गया था. ये सभी दल दावते इस्लामिक के एक जलसे में शामिल हुए थे.

    जांच के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ है कि हत्यारे रियाज और गौस मोहम्म्द पहले कन्हैयालाल के घर में घुसकर उस पर हमले की प्लानिंग कर रहे थे लेकिन ज्यादा जानकारी न मिलने पर दुकान में ही हमला बोल दिया.

    कन्हैया लाल मर्डर केस में रियाज और मोहम्मद गौस ने बताया कि बताया कि हत्या करने के बाद उदयपुर के सापेटिया इलाके में गए जहां शोएब नाम के एक शख्स का ऑफिस है.

    शोएब के ऑफिस में बैठकर दोनों हत्यारों ने हथियार के साथ कबूलनामें वाला वीडियो बनाया था और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. इसी ऑफिस से 17 जून को बनाया गया वीडियो भी वायरल किया गया था. पुलिस को इसी दफ्तर से हथियार भी मिले.

    रियाज और मोहम्मद गौस ऐसे कई वाट्सअप ग्रुप से जुड़े हुए थे जिसमें पाकिस्तान समेत कई और दूसरे देशों के लोग शामिल थे और ये सभी कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोग थे. इस ग्रुप में हमेशा भड़काने वाले बयान दिए जाते थे.

    जांच में ये खुलासा हुआ है कि उदयपुर हत्याकांड का आरोपी गौस मोहम्मद चिट फंड के जिरिए पैसे इकट्ठा कर रहा था. पिछले कई वर्षों से वो अपनी दुकान भी चलाता था और चिट फंड से पैसा भी इकट्ठा करता था.

    जांच एजेंसिया अब इस बात की तफ्तीश कर रही हैं कि किन किन लोगों से गौस ने पैसे इकट्ठा किए थे और इन पैसा का उसने क्या-क्या इस्तेमाल किया. 

    पुलिस के सूत्रों के मुताबिक आरोपी रियाज उर्दू में लब्बैक, रसूल उल्लाह जैसे नाम से व्हाट्एसएप ग्रुप बनाए थे जिस पर वो लोगों को धार्मिक और भड़काऊ संदेश भेजता था. हत्या वाले दिन वीडियो वायरल करने के लिए हत्यारा रियाज ने अपने ग्रुप में कई नंबरों को भी जोड़ा था.

    उदयपुर में कन्हैया लाल का हत्यारा गौस मोहम्मद अपने माता पिता और परिवारवालों के साथ किशन पोल इलाके के एक मकान में रहता था. दूसरा आरोपी मोहम्मद रियाज उदयपुर में बीस सालों के दौरान कई मकानों में किराए पर रहा. अक्सर वो किराए का घर बदलता रहा था. बताया जा रहा है कि उदयपुर हत्याकांड का आरोपी गौस मोहम्मद चिट फंड के जरिए पैसे जमा करता था. जांच एजेंसियों इस बात की जानकारी जुटा रही है कि किन-किन लोगों ने गौस ने पैसे इकट्ठे किए थे.