मुख्यमंत्री की बहन को पुलिस गाड़ी समेत उठा ले गई, जानिए क्या है मामला
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन शर्मिला रेड्डी सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति द्वारा किए गए हमले के विरोध में प्रदर्शन के लिए सीएम हाउस यानी प्रगति भवन जा रही थीं. वो जैसे ही सीएम हाउस की तरफ बढ़ीं, उन्हें पुलिस ने रोक लिया और हिरासत में लेने की बात कही. उन्हें कार से बाहर निकलने को कहा लेकिन उन्होंने कार से बाहर निकलने से इनकार कर दिया. जिसके बाद पुलिस की वैन ने उनकी गाड़ी उनके समेत उठा लिया.
हैदराबाद में वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की प्रमुख वाई.एस. शर्मिला को स्टेट पुलिस ने कार समेत उठा लिया. उन्होंने 28 नवंबर को वारंगल में पदयात्रा के दौरान हुए विरोध प्रदर्शन के खिलाफ मुख्यमंत्री के आवास पर धरना-प्रदर्शन का आह्वान किया था. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की बहन शर्मिला रेड्डी सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति द्वारा किए गए हमले के विरोध में प्रदर्शन के लिए सीएम हाउस यानी प्रगति भवन जा रही थीं. इस दौरान वो खुद अपनी कार चला रही थीं जिसे प्रदर्शनकारियों ने नुकसान पहुंचाया था.
इस कार के शीशों को तोड़ दिया गया था. वो जैसे ही सीएम हाउस की तरफ बढ़ीं, उन्हें पुलिस ने रोक लिया और हिरासत में लेने की बात कही. उन्हें कार से बाहर निकलने को कहा लेकिन उन्होंने कार से बाहर निकलने से इनकार कर दिया. जिसके बाद पुलिस की वैन ने उनकी गाड़ी उनके समेत उठा लिया.
शर्मिला ने बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ प्रगति भवन में इकट्ठा होने की योजना बनाई थी. उनके कार्यकर्ताओं में कुछ को भवन के बाहर ही पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया. वहीं, शर्मिला उसी एसयूवी में सवार थीं, जिसे वारंगल में टीआरएस कार्यकर्ताओं ने तोड़ दिया था. वो ड्राइवर सीट पर बैठी रहीं और खुद को अंदर से बंद कर लिया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
पुलिस ने उनकी गाड़ी को रोककर उनसे बाहर निकलने के लिए कहा, कुछ देर तक पुलिस प्रयास करती रही लेकिन वह अड़ी रहीं. इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने एक टो ट्रक को बुलाया और शर्मिला समेत उनकी कार को उठा लिया. गाड़ी खींचने वाली ट्रक की मदद से पुलिस अधिकारी उन्हें कार समेत 4 किलोमीटर दूर स्थित एसआर नगर पुलिस स्टेशन तक खींचकर लेकर गए.
इस दौरान पुलिस की कार्रवाई के विरोध में कार्यकर्ता एकत्र होने लगे. इससे थाने में भी तनाव व्याप्त हो गया. इससे पहले 28 नवंबर को उन्हें वारंगल जिले के चेन्नाराओपेटा मंडल के तहत आने वाले लिंगागिरी गांव में हिरासत में लिया गया था और बाद में उन्हें नरसमपेट शिफ्ट कर दिया गया था.
शर्मिला रेड्डी ने अपनी पदयात्रा के दौरान स्थानीय विधायक पी. सुदर्शन रेड्डी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने विधायक से उनकी कमाई के स्रोत पर सवाल उठाया. शर्मिला की पदयात्रा के दौरान आगजनी की गई और उनकी एसयूवी को टीआरएस कार्यकर्ताओं ने तोड़ दिया था.
शर्मिला रेड्डी का आरोप है कि पदयात्रा के दौरान टीआरएस के कार्यकर्ताओं ने पथराव किया, बस जलाई और गंदे शब्दों का इस्तेमाल किया. यही नहीं, इस दौरान उन्होंने पार्टी के झंडे भी फाड़ डाले. वाईएसआरटीपी ने कहा कि वो टीएसआर के बदमाशों से नहीं डरेगी और उनके साथ खड़े रहने वाले करोड़ों के लिए मार्च करेगी.