हॉलमार्क वाला सोना भी हो सकता है नकली, कैसे करें असली सोने की पहचान
जब भी आप सोना खरीदते हैं तो उसका हॉलमार्क जरूर चैक करते होंगे. भारत में असली सोने की पहचान के लिए भारतीय मानक ब्यूरो क्वालिटी सर्टीफिकेट देता है. क्या आप जानतें हैं कि हॉलमार्क से भी असली सोने की पहचान नहीं होती. कोई भी हॉलमार्क ज्वैलरी खरीदते समय धोखा न खाने के बारे में 100% सुनिश्चित होने के लिए, आपको हमेशा कुछ महत्वपूर्ण संकेतों पर ध्यान देना चाहिए। असली सोने की जानकारी के लिए आगे पढ़ें..
सोने की शुद्धता हमेशा भारत में खरीदारों के लिए सबसे बड़ी चिंताओं में से एक रही है। लेकिन भारत में बीआईएस द्वारा हॉलमार्किंग के आगमन के साथ, खरीदार अपनी सोने की खरीदारी को लेकर अधिक आश्वस्त महसूस कर रहे हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि भौतिक सोना (सोने के सिक्के और आभूषण) खरीदते समय आपके साथ धोखा न हो; यह सुझाव दिया जाता है कि हॉलमार्क वाले सोने के लेख के लिए जाना चाहिए। यह न केवल शुद्धता सुनिश्चित करता है बल्कि बाद में बेचने पर आपको बेहतर पुनर्विक्रय मूल्य प्राप्त करने में भी मदद करता है।
भारत में सोना खरीदने वालों के मन में हमेशा ही सोने की शुद्धता को लेकर काफी चिन्ता रहती है। हालांकि सरकार ने ज्वैलर्स को केवल हॉलमार्क गोल्ड ज्वैलरी (Hallmark Gold Jewellery) बेचने के निर्देश दे रखे हैं, लेकिन ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचने के लिए सोना खरीदते समय अपने सोने के आभूषण / सोने की जांच/ पड़ताल करने के लिए तय किए गए मानकों की जानकारी होना आवश्यक है। BIS मार्क, कैरेट में शुद्धता, हॉलमार्किंग सेंटर्स और ज्वैलर आइडेंटिटी मार्क (Jewellery Identity Mark), सोने की शुद्धता सुनिश्चित करने वाले चार मुख्य घटक हैं। आपने सोना खरीदते समय काफी बार BIS हॉलमार्क गोल्ड (Hallmark Gold), KDM गोल्ड और 916 गोल्ड जैसे शब्दों के बारे में सुना होगा, जिसके साथ ही आपके मन में यह विचार ज़रूर आया होगा कि इन सब के बीच क्या अंतर है।
इस निम्नलिखित लेख में BIS हॉलमार्क गोल्ड, KDM गोल्ड और 916 गोल्ड का अर्थ व इन तीनों के बीच का अंतर बताया गया है।
हॉलमार्क गोल्ड क्या है?
सोने की शुद्धता और सुंदरता को प्रमाणित करने की प्रक्रिया को हॉलमार्किंग (Hallmarking) कहा जाता है। भारतीय मानक ब्यूरो, भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है, BIS अधिनियम के तहत सोने के साथ ही साथ चांदी के आभूषणो की भी हॉलमार्किंग आवश्यक है। BIS हॉलमार्क यह प्रमाणित करता है कि आभूषण या सोने का बार मानकों के अनुसार तैयार किया गया है। हॉलमार्किंग से उपभोक्ताओं को सोने की प्रामाणिकता और शुद्धता के बारे में आश्वासन मिलता है। इसका मतलब है, यदि आप हॉलमार्क 18K सोने के आभूषण खरीद रहे हैं, तो इसका वास्तव में मतलब होगा कि 18/24 भाग सोने के हैं और बाकी मिश्र धातु है।
हालाँकि पहले हॉलमार्किंग वैकल्पिक था, लेकिन 15 जनवरी, 2021 के बाद से, सोने के आभूषण बेचने के लिए देश भर में हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है। इससे सोने की खरीदारी सुरक्षित होगी और ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाया जा सकेगा। लेकिन इसके साथ ही साथ इस व्यवस्था को सफल बनाने के लिए ग्राहकों की जागरूकता भी ज़रूरी है। यह जांचने के लिए कि आपके द्वारा खरीदा गया सोना हॉलमार्क गोल्ड (Hallmark Gold) है या नहीं, किसी को निम्नलिखित हॉलमार्क संकेतों या प्रतीकों को देखने की आवश्यकता होगी:
- BIS हॉलमार्क: यह प्रमाणित करता है कि इस सोने की शुद्धता उनके लाइसेंस प्राप्त लैब में से किसी एक में सत्यापित (TESTED) है
- कैरेट और सुंदरता में शुद्धता (दिए गए कैरेट केट के अनुसार):
- 22K916 (91.6% शुद्धता)
- 18K750 (75% शुद्धता)
- 14K585 (58.5% शुद्धता)
- हॉलमार्किंग सेंटर का निशान
- ज्वेलर का निशान
यदि आपने 31 दिसंबर 2016 को या उससे पहले सोने के आभूषण खरीदे हैं, तो उस सोने पर एक अतिरिक्त निशान होता था जो सोने के आभूषण पर हॉलमार्किंग से अलग था- एक कोड के रूप में आभूषणों के हॉलमार्किंग का वर्ष दिया जाता था। उदाहरण के लिए, वर्ष 2000 के लिए कोड पत्र ‘A’, वर्ष 2001 के लिए ‘B’, आदि।
नोट: हॉलमार्क सील की लेज़र के ज़रिये सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग की जाती है।
KDM गोल्ड क्या है?
KDM Gold के बारे में जानकारी प्राप्त करने से पहले, किसी भी व्यक्ति को सोने के आभूषण बनाने के बारे में पता होना चाहिए। नाजुक आभूषण बनाने के लिए सोने को दो या दो से अधिक धातुओं के साथ मिलाना पड़ता है जो कि भराव धातु की मदद से किया जाता है और इस प्रक्रिया को सोल्डरिंग कहा जाता है। लम्बे समय तक, स्वर्ण आभूषण बनाने में गोल्ड और कॉपर (60% सोना और 40% तांबा) का उपयोग किया जाता था। हालांकि, इस संयोजन का उपयोग करने का एक बड़ा दोष यह था कि इसकी अधिकतम शुद्धता केवल 60% थी। इसका तात्पर्य यह है कि पिघलाए जाने पर इस मिश्र धातु के साथ सोने के आभूषण आपको 22 कैरेट से भी कम की शुद्धता प्रदान करेंगे। यही कारण है कि आपकी पुरानी ज्वैलरी में 22/20 मार्किंग थी, जहां 22 कैरेट सोने की शुद्धता के बारे में बताता है और 20 कैरेट पिघलने के बाद शुद्धता के बारे में बताता है।
सोने में शुद्धता का अधिकतम स्तर प्राप्त करने के लिए, निर्माताओं ने 92 प्रतिशत सोने और 8 प्रतिशत कैडमियम मिश्र धातु के अनुपात के साथ कैडमियम को भराव के रूप में उपयोग करना शुरू किया और इस संयोजन के उपयोग से ही KDM शब्द आया। लेकिन अब इसको BIS द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया है क्योंकि इस से सोने के आभूषण बनाने वाले कारीगरों को बीमारियां हो रही थीं। अब कैडमियम को ज़िंक और अन्य धातुओं जैसे उन्नत मिलाप धातु के साथ बदल दिया गया है।
916 गोल्ड का क्या अर्थ है?
सोने को इसकी शुद्धता के आधार पर बांटा जाता है जैसे कि 24K, 23K, और 18K, आदि। यदि इसे हॉलमार्क (Hallmark) किया जाता है, तो 22K सोने को ‘BIS 916’ सोना कहा जाएगा; यह नंबर हॉलमार्क सील का एक हिस्सा होता है। इसी तरह, 23K सोने को BIS 958 के रूप में लिखा जाता है, जिसका अर्थ है 100 ग्राम मिश्र धातु में 95.8 ग्राम शुद्ध सोना। 916 गोल्ड और कुछ नहीं बल्कि 22K गोल्ड यानी 91.6 ग्राम शुद्ध 24 कैरेट सोना प्रति 100 ग्राम मिश्र धातु है।
भारत में सोना विभिन्न किस्मों में उपलब्ध है। इसकी कीमत और हेजिंग गुणों को ध्यान में रखते हुए, उपभोक्ताओं को विभिन्न प्रकार के पहलुओं पर विचार करने की आवश्यकता होती है जैसे कि सोने की शुद्धता, मेकिंग चार्ज, जौहरी द्वारा लगाया गया वेस्टिंग चार्ज , खरीद-वापस की शर्तें आदि।
हॉलमार्क लगे सोने में कितना सोना और कितनी मिलावट:
अगर सोने पर 22K916 लिखा है. इसका मतलब है यह 22 कैरेट सोना है और यह 91.6% शुद्ध सोना है और बाकी चांदी या जिंक है. अगर आपके गहने पर 18K750 लिखा है. तो यह 18 कैरेट सोना है और यह 75% शुद्ध है इसमें 25% मिलावट है. बहुत से दुकानदार 18 कैरेट सोने पर 22 कैरेट के पैसे लेते हैं इसलिए सतर्क रहे. अगर आपकी ज्वेल्लरी पर 14K585 लिखा है. तो यह 14 कैरेट सोना है और केवल 58.5% शुद्ध है.
अगर आपका ज्वैलर आपको अभी भी चार अंको के कोड वाला हॉलमार्क बेच रहा है तो इसका मतलब यह पुराना गहना है. पुराना या नया कोई भी हॉलमार्क असली होने को लेकर अगर आपके मन में शंका है तो आप ऐसे इसका समाधान निकाल सकते हैं. सबसे पहले आपको भारतीय मानक ब्यूरो के बनाए बीआईएस केयर ऐप को (BIS Care App) डाउनलोड करना होगा.अब आपको इसमें अपना नाम, फोन नंबर और ईमेल आईडी डालना होगा. फिर आपको एक ओटीपी के जरिये आपकी पहचान वेरिफाई करनी होगी. अब आप इस इस ऐप को इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐप में ‘Verify HUID’ का फीचर दिया गया है. इसमें आपको गहने पर दिए गए एचयूआईडी नंबर डालना होगा और डिटेल आपके सामने आ जाएगी कि हॉलमार्किंग असली है या नकली. इसके अलावा आप हॉलमॉर्किंग सेण्टर जाकर भी अपने गहनों की जांच करवा सकते हैं. देश भर के सभी हॉलमार्क केन्दों की सूची आपको BIS की वेबसाइट https://www.bis.gov.in/hallmarking-overview/hallmarking-centre/list-of-h... पर मिल जाएगी.