जिस दामाद की हत्या के आरोप में पत्नी समेत ससुराल वाले थे जेल में, वो 6 साल बाद मिला जिन्दा
एक दामाद ने अपने ही अपहरण और हत्या की झूठी साजिश रची जिसके बाद पुलिस ने उसके सास-ससुर सहित 8 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अब अब वो दामाद जिंदा निकला जिसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया। 6 साल पहले अपने ही हत्या के केस में अपने पत्नी और ससुराल वालों को फंसाकर जेल भिजवाने वाले आरोपी को पुलिस ने अंततः धर दबोचा है।
झारखंड के पलामू में पुलिस ने एक ऐसे दामाद को गिरफ्तार किया है जिसने 6 साल पहले अपनी हत्या के झूठे मामले में पत्नी सहित ससुराल के सभी लोगों को जेल भिजवा दिया था। छह साल बाद जिंदा मिलने पर उसके साले ने थाने में शिकायत कर दी थी। दरअसल पलामू में एक दामाद ने अपने ही अपहरण और हत्या की झूठी साजिश रची जिसके बाद पुलिस ने उसके सास-ससुर सहित 8 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अब अब वो दामाद जिंदा निकला जिसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया।
6 साल पहले अपने ही हत्या के केस में अपने पत्नी और ससुराल वालों को फंसाकर जेल भिजवाने वाले आरोपी को पुलिस ने अंततः धर दबोचा है। हालांकि इस मामले में अभी भी मुकदमा चल ही रहा है लेकिन मृतक के मिलने के बाद केस उल्टा हो गया और मृतक ही गिरफ्तार हो गया है।
गिरफ्तार युवक ने बताया की उसकी पत्नी ने उसके ऊपर दहेज प्रताड़ना का केस कर दिया था उसी का बदला लेने उसने अपने भाई की मदद से षडयंत्र रचा था और अपनी पत्नी सहित ससुराल वालों को जेल भिजवा दिया था। अब पुलिस ने उस आरोपी पर ही केस बना दिया है और अब वह जेल की हवा भी खा रहा है। मामला झारखंड के पलामू जिले के सतबरवा थाना क्षेत्र का है।
छतरपुर के नावा बाजार में रहने वाले राममिलन चौधरी उर्फ चुनिया की शादी सतबरवा थाना क्षेत्र के पोची गांव में रहने वाली सरिता कुमारी के साथ वर्ष 2009 में साथ पूरे सामाजिक रीति-रिवाज के साथ दान दहेज देकर की गई थी. इस दौरान ससुराल वाले लगातार बहन को और दहेज लाने के लिए प्रताड़ित करते थे। इसके बाद 2016 में सरिता कुमारी ने राममिलन चौधरी के खिलाफ मारपीट व दहेज के लिए प्रताड़ित करने केस सतबरवा थाना में दर्ज करा दिया। लेकिन इसके कुछ ही दिन बाद राममिलन लापता हो गया और उसके भाई दिलीप चौधरी ने उसकी हत्या का केस दर्ज करा दिया। पुलिस ने भी बिना लाश मिले हत्या का केस दर्ज कर लिया और उसकी पत्नी सरिता, उसका सास, ससुर व अन्य 5 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उन्हें जेल भेज दिया।
पुलिस ने राममिलन चौधरी की हत्या के आरोप में उसकी पत्नी सरिता देवी, सास कलावती देवी, ससुर राधा चौधरी, भाई और चाचा के अलावा गांव के कुदरत अंसारी, ललन मियां और दानिश अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में आठों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया।
हालांकि बाद में अदालत से 6 लोग जमानत पर बाहर भी आ गए। अभी भी इस मामले में दानिश अंसारी नामक युवक जेल में ही है। लड़की के पिता राधा चौधरी इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सके और जमानत के तीन चार महीने बाद ही उनकी मृत्यु हो गई।
आरोपी राममिलन ने बताया कि दहेज का मुकदमा दर्ज होने के बाद राममिलन चौधरी उर्फ चुनिया ने अपने ससुराल वालों को फंसाने की साजिश रची थी। इस साजिश में उसने आपने भाई को भी शामिल किया था और खुद लापता हो गया। जब ससुराल वालों को सूचना मिली कि राममिलन चौधरी जिंदा है तो उन्होंने तत्काल मामले की जानकारी पुलिस को दी और फिर छतरपुर पुलिस के सहयोग से सतबरवा पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाते हुए उसे दबोच लिया।