UP में योगी सरकार देगी कोरोना से अनाथ हुए बच्चो को हर महीने चार हज़ार रूपये, शुरू हुयी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना
योगी सरकार ने कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों की देखभाल का जिम्मा उठाते हुए प्रदेश सरकार ने ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ शुरू करने की घोषणा की है। ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता अथवा यदि उनमें से एक ही जीवित थे तो उन्हें अथवा अपने विधिक अभिभावक को खो दिया हो और जो अनाथ हो गए हैं, उनकी समुचित देखभाल राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।
कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों की देखभाल का जिम्मा उठाते हुए प्रदेश सरकार ने ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ शुरू करने की घोषणा की है। कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत अनाथ बच्चों के बैंक खातों में पीएम केयर्स फंड से छात्रवृत्ति भेजी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, सरकार अनाथ बच्चों के साथ है। हम बच्चों की हर तरह से मदद करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, रोजमर्रा की दूसरी जरूरतों के लिए अन्य योजनाओं के माध्यम से ऐसे बच्चों के लिए 4 हजार रुपए हर महीने की व्यवस्था भी की गई है। ऐसे बच्चे जब अपने स्कूल की पढ़ाई पूरी करेंगे, तो आगे भविष्य के लिए और भी पैसों की जरूरत होगी। इसके लिए 18-23 साल के युवाओं को हर महीने स्टाइपेंड मिलेगा और जब आप 23 साल के होंगे तब 10 लाख रुपये आपको एक साथ मिलेंगे।
इधर उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों की देखभाल का जिम्मा उठाते हुए प्रदेश सरकार ने ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ शुरू करने की घोषणा की है। इसके तहत सरकार ऐसे सभी बच्चों की देखभाल का जिम्मा उठाएगी। ऐसे बच्चों के वयस्क होने तक उनके अभिभावक को प्रतिमाह चार हजार रुपये दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना की विभीषिका के कारण प्रदेश में कई बच्चों के माता-पिता का असमय देहान्त हो गया है। ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता अथवा यदि उनमें से एक ही जीवित थे तो उन्हें अथवा अपने विधिक अभिभावक को खो दिया हो और जो अनाथ हो गए हैं, उनकी समुचित देखभाल राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। ऐसे बच्चों को जीवन में उन्नति के सभी अवसर उपलब्ध हो सकें, इसके लिए राज्य सरकार सभी जरूरी प्रबंध करने के लिए तत्पर है। इसी भावना के साथ यह बाल सेवा योजना शुरू की जा रही है। बालिकाओं के विवाह की समुचित व्यवस्था के लिए सरकार शादी के लिए 1.01 लाख रुपये उपलब्ध कराएगी। इसी तरह स्कूल अथवा कॉलेज में पढ़ रहे अथवा व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे ऐसे सभी बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। कोरोनाकाल में अनाथ हुए 555 बच्चों को अब तक चिन्हित किया जा चुका है। इसके अलावा सभी जिलों के डीएम से भी रिपोर्ट मांगी गई है। महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया की सभी जनपदों के डीएम को ऐसे सभी बच्चों की सूची तैयार कर भेजने के आदेश दिए हैं। जिससे ऐसे सभी बच्चों के संबंध में सूचनाएं संबंधित विभागों, जिला प्रशासन को पूर्व से प्राप्त सूचनाओं, चाइल्ड लाइन, विशेष किशोर पुलिस इकाई, गैर सरकारी संगठनों, ब्लॉक तथा ग्राम बाल संरक्षण समितियों, कोविड रोकथाम के लिए विभिन्न स्तरों पर गठित निगरानी समितियों और अन्य बाल संरक्षण हितधारकों के सहयोग व समन्वय किया जा रहा है।
केंद्र सरकार की पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन्स, कोरोना प्रभावित बच्चों की मुश्किलें कम करने का एक छोटा सा प्रयास है। यह इस बात का भी प्रतिबिंब है कि हर देशवासी पूरी संवेदनशीलता से आपके साथ है। बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए उनके घर के पास ही सरकारी या प्राइवेट स्कूलों में उनका दाखिला कराया जा चुका है। अगर किसी को प्रॉफेशनल कोर्स के लिए, हायर एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन चाहिए होगा तो पीएम केयर्स उसमें भी मदद करेगा। अगर कोई बच्चा बीमार पड़ता है तो उसे इलाज के लिए पैसे चाहिए। ऐसे में बच्चों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन के माध्यम से आपको आयुष्मान हेल्थ कार्ड दिया जा रहा है, इससे पांच लाख तक इलाज की मुफ्त सुविधा रहेगी।