आज होगी मोदी पुतिन की मुलाकात चीन और अमेरिका है परेशान

भारत को लेकर रूस कितना संजीदा है इसका पता इस बात से भी चलता है कि कोरोना संकट के बाद पुतिन दूसरी बाद विदेश दौरे पर निकल रहे हैं और इसके लिए इन्होंने भारत को चुना है.

आज होगी मोदी पुतिन की मुलाकात चीन और अमेरिका है परेशान

21वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज भारत आएंगे.  सुरक्षा कारणों की वजह से पुतिन के भारत पहुंचने के समय का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन वह दोपहर दो बजे भारत पहुंच सकते हैं और रात 9.30 बजे अपने वतन वापस लौट जाएंगे. इस दौरान वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे. हालांकि, इस बैठक से पहले दो महत्वपूर्ण बैठक होगी.

प्रधानमंत्री मोदी  के साथ होने वाले इस शिखर सम्मेलन में शामिल के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शामिल होंगे. बता दें कि 2019 में ब्रासीलिया में ब्रिक्स बैठक के बाद, राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच यह पहली बैठक होगी. इस शिखर सम्मेलन में रक्षा मामलों सहित कई महत्वपूर्ण मामलों चर्चा की जाएगी. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम का मॉडल भेंट करेंगे। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि एके-203 असॉल्ट राइफल सौदा मुख्य आकर्षण होगा. 

भारत और रूस की दशकों पुरानी दोस्ती को और मजबूत करने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज दिल्ली आ रहे हैं. कोरोना संकट की वजह से पुतिन का ये भारत दौरा बेहद छोटा यानी महज कुछ घंटों का रखा गया है, लेकिन इसका असर ना सिर्फ दोनों देशों के सबंधों पर होगा बल्कि इससे चीन और पाकिस्तान जैसे भारत के पड़ोसी देशों को भी बड़ा संदेश जाएगा.

पुतिन के इस दौरे में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने वाली है जिसमें शामिल है ये मुद्दे 

7.5 लाख एके-203 असॉल्ट राइफल्स का भारत में उत्पादन  
S-400 मिसाइल सिस्टम की समय पर डिलीवरी  
12 नई सुखोई-30 की डिलीवरी  
नौसेना के लिए MIG-29 विमानों की नई खेप
5000 इग्ला-एस शॉल्डर फ़ायर्ड मिसाइल्स की खरीद  
भारत-चीन तनाव  
अफगानिस्तान
आतंकवाद  
और द्विपक्षीय व्यापार का मुद्दा प्रमुख है

कोरोनाकाल के बाद पुतिन की दूसरी विदेश यात्रा के रूप में भारत का चुनाव करने से बड़े-बड़े कूटनीतिक पंडितों के भी कान खड़े हो गए हैं। पुतिन भारत पहुंचने के बाद कुछ घंटों में ही तबाड़तोड़ बैठकें करने के बाद वापस रूस रवाना हो जाएंगे। उनकी इस यात्रा के ठीक पहले रूस से एस-400 डिफेंस सिस्टम की दो यूनिट भारत के लिए भेजा जा चुका है। अमेरिका और चीन दोनों इस मिसाइल सिस्टम की डील को लेकर चिढ़े हुए हैं।

आजतक से बात करते हुए भारत में रूसी राजदूत निकोले कुदाशेव ने कहा, 'ये यात्रा ऐतिहासिक होने जा रही है. क्योंकि 2019 के बाद पहली बार दोनों नेता फिजिकली मीटिंग करेंगे. रूसी राष्ट्रपति की भी ये उसके बाद पहली विदेश यात्रा है. इसलिए ये महत्व और भी बढ़ जाता है.' उन्होंने कहा कि 'भारत और रूस के रिश्तों को मजबूत करने के लिए दोनों नेताओं के बीच फिजिकल मीटिंग होना बहुत जरूरी है. दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंध है और बिना फिजिकली मौजूद हुए संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा करना बुद्धिमानी नहीं है.' 

दोनों पक्ष मुख्य रूप से समय संबंधी मुद्दों के कारण शिखर सम्मेलन के समय ‘टू प्लस टू’ वार्ता आयोजित करने पर विचार कर रहे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव और सर्गेई शोयगु के साथ बातचीत करने वाले हैं।

जानकार मानते हैं कि राष्ट्रपति पुतिन इस दौरे में भारत के सामने पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट चेकमेट की ब्रिकी का भी प्रस्ताव रख सकते हैं जिसे हाल ही में अनविल किया गया है. भारत को लेकर रूस कितना संजीदा है इसका पता इस बात से भी चलता है कि कोरोना संकट के बाद पुतिन दूसरी बाद विदेश दौरे पर निकल रहे हैं और इसके लिए इन्होंने भारत को चुना है.