आतंकियों के निशाने पर क्यों हैं कश्मीरी हिंदू, टारगेट किलिंग पर एक्शन में केंद्र सरकार
दिल्ली स्थित गृह मंत्रालय में लगातार दूसरे दिन तेज हलचल है। 24 घंटे के भीतर गृह मंत्री अमित शाह दूसरी बार एनएसए अजित डोभाल संग बैठक कर रहे हैं। शाह ने कल डोभाल और रॉ चीफ के साथ बैठक की।
जम्मू कश्मीर में जबसे अनुच्छेद 370 हटने के दो साल बाद एक बार फिर से घाटी में हालात खराब होने लगे हैं। इस बार खास तौर से आतंकवादियों के टारगेट पर कश्मीर में रहने वाले हिंदू और सिख हैं। ये आतंकवादी दूसरे प्रदेशों से घाटी में काम करने पहुंचे मजदूरों को भी नहीं छोड़ रहे हैं। पिछले छह महीने के अंदर टारगेट करके 18 लोगों की हत्या हो चुकी है, इनमें 11 हिंदू, एक सिख और छह मुस्लिम थे। जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहीं टारगेट किलिंग के मामले में केंद्र सरकार सख्ती बरत रही है। आज नई दिल्ली में इस मामले में अहम बैठक चल रही है
दिल्ली स्थित गृह मंत्रालय में लगातार दूसरे दिन तेज हलचल है। 24 घंटे के भीतर गृह मंत्री अमित शाह दूसरी बार एनएसए अजित डोभाल संग बैठक कर रहे हैं। शाह ने कल डोभाल और रॉ चीफ के साथ बैठक की। आज जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, एनएसए डोभाल, आर्मी चीफ मनोज पांडे के साथ मीटिंग कर रहे हैं। बैठक में टारगेट किलिंग से निपटने की रणनीति के साथ-साथ अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर मंथन हो रहा है। टारगेट किलिंग के खिलाफ तो प्लान तैयार भी कर लिया गया है।
कश्मीर घाटी में एक के बाद एक टारगेट किलिंग की घटनाओं से 90 के दशक के भयावह दौर की यादें ताजा हो चुकी हैं। घाटी से एक बार फिर बचे-खुचे कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हो गया है। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने आतंकियों के सफाये के लिए एंटी-टेरर ऑपरेशन तेज किया है। इसके अलावा 2019 में आर्टिकल 370 के तहत राज्य को मिले विशेष दर्जे को खत्म किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने और पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ स्थानीय स्तर पर उठती आवाज से आतंकी बौखलाए हुए हैं। इसी बौखलाहट में वे टारगेट किलिंग कर रहे। 3 दिनों में ही एक कश्मीरी और 2 गैरकश्मीरी हिंदुओं की हत्या कर दी है।
370 हटने के दो साल बाद केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से काफी सुरक्षा कम कर ली है। आम लोगों को अच्छे से रह सकें, इसके लिए कई तरह की रियायतें भी दी जा रहीं हैं। कश्मीरी हिंदू जो 1990 में पलायन करके दिल्ली और बाकी प्रदेशों में चले गए थे, उन्हें भी फिर से बसाने के लिए कोशिश की जा रही है। इसके लिए उन्हें नौकरी व अन्य सुविधाएं भी दी जा रहीं हैं। घाटी में सुधरते हालात से आतंकी बौखलाए हुए हैं। इसी बौखलाहट में इस तरह की वारदात करके कश्मीर के आम लोगों को डराने की कोशिश कर रहे हैं।