प्रयागराज हिंसा: नहीं थी पूरी तैयारी हुयी बड़ी चूक, मुख्य साजिशकर्ता जावेद पंप सहित उपद्रव में शामिल 65 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी

प्रयागराज हिंसा: नहीं थी पूरी तैयारी हुयी बड़ी चूक, मुख्य साजिशकर्ता जावेद पंप सहित उपद्रव में शामिल 65 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुक्रवार दोपहर बाद हुई हिंसा के मामले में पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। जुमे की नमाज के बाद हुए उपद्रव के बाद से अटाला का पुराने शहर का इलाका छावनी में तब्दील हो गया है। पीएसी के अलावा आरपीएफ की टुकडियां और भारी संख्या में पुलिसकर्मी और दंगी नियंत्रित करने वाली कंपनी सड़क पर तैनात है। किसी भी संभावित सभा को रोकने के लिए गलियों में पुलिस की गश्त जारी है। 

प्रयागराज रेंज के आईजी राकेश सिंह के मुताबिक शनिवार शाम से अब तक हिंसा में शामिल लगभग 65 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलाना घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग और सीसीटीवी फुटेज की मदद से हिंसा में शामिल बाकी लोगों की पहचान की कोशिश की जा रही है ताकि और गिरफ्तारियां हो सकें। पुलिस ने 1000 लोगों के खिलाफ दंगा, आगजनी, धारा 144 का उल्लंघन करने, सरकारी काम में बाधा डालने, पुलिस कर्मियों पर हमला करने और सरकारी और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। 

 बवाल की थी आशंका, नहीं हुईं मुकम्मल तैयारियां

जुमे की नमाज को लेकर पिछले एक हफ्ते से पुलिस-प्रशासन बेहद अलर्ट था। थानों से लेकर अफसरों के कार्यालयों तक लगातार उलेमाओं व प्रबुद्धजनों संग अलग-अलग मीटिंग चल रही थी। यही नहीं पुलिस अफसरों के पास इस बात का भी इनपुट था कि जुमे की नमाज के बाद बवाल हो सकता है। इसके बावजूद मुकम्मल तैयारियां नहीं की गईं और इसी का नतीजा रहा कि भीड़ को अटाला पर जमा होने का मौका मिल गया। भाजपा की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवादित बयान को लेकर तीन जून को कानपुर में पिछले जुमे पर ही बवाल हुआ था। इसके बाद से ही शासन की ओर से प्रदेश भर में अलर्ट जारी किया गया था। निर्देश दिए गए थे कि जुमे की नमाज के लिए कानून-व्यवस्था में कोई खलल न पड़े, इसके लिए हरसंभव उपाय कर लिए जाएं।  

शासन की ओर से अलर्ट किए जाने के साथ ही पुलिस के पास भी इसका इनपुट था कि जुमे की नमाज के बाद माहौल खराब किया जा सकता है। इसे लेकर ही जिला पुलिस ने जुमे से पहले ही 46 लोगों की लिस्ट तैयार की थी। आशंका थी कि यह भोले-भाले लोगों को भड़काकर हिंसा करा सकते हैं, ऐसे में उन्हें चिह्नित कर लगातार उनकी निगरानी की जा रही थी। खुद अफसरों ने इस बाबत बताया था कि चिह्नित किए गए 46 लोगों की निगरानी के लिए कुल 161 लोगों की टीम लगाई गई है। माहौल बिगाड़ने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिए जाने का भी इनपुट पुलिस अफसरों को मिला था। यही वजह थी कि सोशल मीडिया पर किए जाने वाले हर पोस्ट, कमेंट व मैसेज की निगरानी के लिए तेजतर्रार 72 पुलिसकर्मियों की टीम को लगाया गया था। इसके अलावा एलआईयू व इंटेलिजेंस की टीमें भी गोपनीय तरीकेसे जानकारी जुटा रही थीं। 

प्रयागराज हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता जावेद पंप गिरफ्तार 

प्रयागराज हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता जावेद पंप को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उसके मोबाइल की जांच हुई। पुलिस ने दावा किया कि कई अहम सुराग मिले। पुलिस इन सुरागों के जरिए मामले की तह तक जाकर छानबीन कर रही है। टाला समेत आसपास के इलाके पहले से छावनी में तब्दील हैं। सायरन बजाती पुलिस की गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही हैं। अटाला के साथ ही रसूलपुर, तुलसीपुर, करेली बैरियर, करेली कब्रिस्तान, कमेला रोड आदि की दुकानें सुबह बंद ही रहीं। इन इलाकों के लोग सहमे हुए हैं। दुकानदार आशंकित हैं कि कब क्या हो जाए। बहुत सारे लोगों ने खुद से दुकानें नहीं खोलीं। अटाला चौराहे की ज्यादातर दुकानें बंद ही हैं। पुलिस ने पूरे इलाके को सुरक्षा घेरे में लिया हुआ है। पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवान पूरे इलाके में गश्त कर रहे हैं। 

पैगंबर पर विवादित बयान देने के कारण बीजेपी से सस्पेंड हुईं नूपुर शर्मा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर प्रयागराज, मुरादाबाद और सहारनपुर में शुक्रवार को बवाल, पथराव ‌और आगजनी हुई। लखनऊ में टीले वाली मस्जिद, फिरोजाबाद, अलीगढ़, बिजनौर, हाथरस, अंबेडकरनगर में भी बवाल करने की तैयारी थी, लेकिन पुलिस-प्रशासन सख्ती ने इसे नाकाम कर दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बवाल व हिंसक प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। उपद्रव करने के आरोप में पुलिस ने शनिवार सुबह तक 227 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।