महाराष्ट्र सियासी संकट - शिवसेना के 3 विधायकों समेत 8 और MLA जाएंगे गुवाहाटी
महाराष्ट्र की सियासत में छाए संकट के किस्से पूरे देश के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। महाराष्ट्र में तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रम में एकनाथ शिंदे गुट के 37 बागी विधायकों ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर असली शिवसेना होने के साथ दो तिहाई बहुमत का दावा किया है। इससे पहले, सुबह तक बातचीत और वापसी की अपील कर रही शिवसेना ने शाम को 12 और रात में शिंदे गुट के पत्र के बाद सभी 37 बागियों को अयोग्य ठहराने के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल को पत्र लिख दिया। उधर, बागी विधायकों ने बृहस्पतिवार को एकनाथ शिंदे को नेता घोषित कर 46 विधायकों के समर्थन का दावा किया।
मुंबई से आज सुबह आए इस बड़े अपडेट के मुताबिक शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के समर्थन में 8 और विधायक जुड़ने जा रहे हैं। आपतो बता दें कि इसमें से 3 विधायक शिवसेना के हैं और 5 निर्दलीय विधायक हैं जिन्होंने उद्धव ठाकरे की बैसाखी वाली MVA सरकार को अपना सहारा दे रखा था। शिंदे खेमे के बागी विधायक संजय शिरसाट ने सीएम ठाकरे के नाम खुला पत्र लिखकर दावा किया है कि पार्टी के विधायक पिछले ढाई साल से अपमानित हो रहे थे। अपना मुख्यमंत्री होने के बाद भी उनकी नहीं सुनी जा रही थी। इस लिए शिंदे की अगुवाई में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ जाने का फैसला किया।
एक दिन पहले बहुमत का दावा कर रहे राउत ने कहा, दरवाजे आपके लिए खुले हैं और मुद्दे सौहार्दपूर्ण बातचीत से सुलझाए जा सकते हैं। गुलामी स्वीकार करने के बदले आत्मसम्मान के साथ फैसला लें। राउत के इस बयान से समझा जा रहा है कि नंबर गेम में फेल होने के बाद ठाकरे ने एक तरह से बागियों के सामने सरेंडर कर दिया है। इससे पहले राउत ने कहा था कि बागियों में 21 लौटना चाहते हैं और पार्टी के संपर्क में हैं।
बागी विधायकों ने 40 से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा करते हुए वीडियो और तस्वीरें जारी कीं, जिससे महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के लिए एक संभावित बड़ा खतरा साफ साफ दिख रहा है। असंतुष्ट विधायकों द्वारा जारी किए गए वीडियो और तस्वीरों के मुताबिक शिंदे होटल में विधायकों के साथ पोज देते नजर आ रहे हैं। पूरे सफेद पोशाक में, शिंदे को उनके साथी विधायकों से घिरा देखा जा सकता है। शिंदे पास महाराष्ट्र में शहरी विकास और लोक निर्माण विभाग है।